Saturday, November 8, 2025
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बरियातू में ग्रामीण विकास विभाग की परियोजना में घोटाला! करोड़ों की लागत से बन रहा घटिया निर्माण

  • ग्रामीणों में रोष, जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग

रिपोर्ट : सुनील कुमार ठाकुर | हजारीबाग
हजारीबाग जिले के केरेडारी प्रखंड के बरियातू पंचायत में चल रहे करोड़ों रुपये के निर्माण कार्य में भारी अनियमितता और भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल, हजारीबाग के तहत करीब ₹1.67 करोड़ की लागत से गढ़वाल एवं पीसीसी/पुलिया निर्माण कार्य कराया जा रहा है, जो बरियातू में बुधन साव के घर से कर्बला होते हुए श्मशान घाट तक बनना प्रस्तावित है।

लेकिन स्थानीय ग्रामीणों ने इस पूरे प्रोजेक्ट को “भ्रष्टाचार का अड्डा” करार दिया है और कहा है कि निर्माण कार्य बेहद घटिया गुणवत्ता का हो रहा है।

घटिया निर्माण की पोल खुली

  • गढ़वाल की नींव मात्र 1 से 1.5 फीट गहरी पाई गई।

  • PCC लेयर सिर्फ 1-2 इंच तक ही डाली गई है।

  • सीमेंट कम, बालू अधिक प्रयोग किया गया।

  • नींव में लगाए गए पत्थर गलत तरीके से बैठाए गए हैं।

  • गिट्टी की क्वालिटी भी बेहद कमजोर बताई जा रही है।

  • पुलिया में भी घटिया पत्थर का इस्तेमाल किया गया, जिससे उसकी मजबूती पर सवाल उठ रहे हैं।

यह सभी बातें मौके पर पहुंचे JE अरविंद कुमार की मौजूदगी में सामने आईं, परंतु इसके बावजूद उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की और कार्य में सुधार भी नहीं कराया।

अधिकारियों और ठेकेदार की लापरवाही

ग्रामीणों के अनुसार, उन्होंने कई बार AE भुवन दास और JE अरविंद कुमार को शिकायत दी, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
JE ने फोन पर सिर्फ इतना कहा –

“अगर गलत काम पाया गया तो तुड़वाकर नया से बनवाया जाएगा,”
पर हकीकत में ऐसा कुछ नहीं हुआ।

वहीं ठेकेदार ने खुद चौंकाने वाला बयान दिया –

“ऊपर से नीचे तक पेटी देना पड़ता है, क्या करें हम लोग?”
यह बयान निर्माण विभाग में जड़ तक फैले भ्रष्टाचार की पुष्टि करता है।

विधायक के निर्देशों की भी अनदेखी

स्थानीय विधायक रोशनलाल चौधरी ने निर्माण कार्य में लापरवाही पर रोक लगाने के स्पष्ट निर्देश दिए थे।
उन्होंने कहा था कि “काम की गुणवत्ता में कोई समझौता नहीं होगा।”
इसके बावजूद ठेकेदार ने न तो मानक सुधारे, न ही निर्देशों का पालन किया।

यहां तक कि शिलान्यास पट्टिका भी एक निजी घर में लगाकर औपचारिकता पूरी कर दी गई। विधायक ने इसे हटाकर सही स्थान पर लगाने का आदेश दिया था, लेकिन संवेदक (ठेकेदार) ने मनमानी जारी रखी।

मीडिया जांच में आरोप साबित

मौके पर पहुंचे संवाददाता सुनील कुमार ठाकुर की जांच में ग्रामीणों के आरोप सही पाए गए।
कार्य स्थल पर अधूरे मानक, कमज़ोर निर्माण सामग्री और लापरवाही साफ दिखाई दी।

जनता का गुस्सा – सख्त कार्रवाई की मांग

ग्रामीणों का कहना है –

“इतना बड़ा बजट होने के बावजूद अगर काम इसी तरह चलता रहा तो करोड़ों रुपये का प्रोजेक्ट कागज़ पर मजबूत और ज़मीन पर बेकार साबित होगा।”

ग्रामीणों ने उपायुक्त हजारीबाग से मांग की है कि AE भुवन दास, JE अरविंद कुमार और ठेकेदार के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाए।
लोगों का कहना है कि जब तक दोषियों पर सस्पेंशन और सख्त दंड नहीं होगा, तब तक इस तरह के भ्रष्टाचार पर रोक लगाना असंभव है।

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