- केरेडारी के जोरदाग में ग्रामीणों ने सुरक्षित निकाला,वन विभाग को सौपने का इंतजार कर रहे ग्रामीण
सुनील कुमार ठाकुर, केरेडारी- उतरी छोटानागपुर अंतर्गत केरेडारी प्रखंड में एनटीपीसी और सीसीएल जैसी कंपनियों द्वारा वाइल्ड लाइफ मैनजमेंट प्लान का पालन किए बिना उनके ट्रांसपोर्टेशन एवं खनन के जंगलों में मचे कोहराम से उनका संतुलन बिगड़ने के कारण या भूख-प्यास बुझाने के आस में जंगली जानवर भटक मानवीय आबादी में आ जा रहे हैं। शुक्रवार को केरेडारी प्रखंड के जोरदाग में एक हिरण प्यास बुझाने के किए कुआं के पास पहुंच गया और कुआं में डूब गया । ग्रामीणों ने हिरण को कुआं से सुरक्षित निकाल लिया और वन विभाग को सूचित किया। ग्रामीण उसे सुरक्षित रखकर वन विभाग के अधिकारियों का इंतजार कर रहे हैं। इस क्षेत्र में विगत कुछ वर्षों में लगातार वन्य जीव मानवीय आबादी में भटक कर आने का सिलसिला बढ़ा है। हाथियों का संतुलन भी बिगड़ गया है। हाथी तो हजारीबाग शहर के करीब पहुंच रहे हैं तो कई बार चरही के नेशनल हाइवे में उतर गए और जिले के बड़कागांव, उरीमारी इलाकों में किसानों के जानमाल और कृषि और घरों को भी हाथियों ने उजाड़ दिया है।
वन विभाग के अधिकारी जता चुके हैं आपत्ति
हज़ारीबाग और चतरा इलाकों में कॉल कंपनियों द्वारा बिना वाइल्ड लाइफ मैनजमेंट प्लान पर काम किए बिना खनन और ट्रांसपोर्टेशन करने के कारण वन्य जीवों की सुरक्षा और इनके मैनजमेंट पर काफी बुरा प्रभाव पड़ा है। इस बात से अवगत कराते वरीय अधिकारियों को अवगत कराते हुए इसपर काम करने की आवश्यकता बताया था। उस रिपोर्ट में एनटीपीसी सहयोगी ऋतिक BGR और सीसीएल के द्वारा खनन कार्य किए जाने और वन्य जीव संरक्षण पर किसी प्रकार के कार्य नही किए जाने का जिक्र किया गया है।