- सीए नीतिका खण्डेलवाल और बरसा डे ने रक्तदान कर पेश की मानवता की मिसाल
- हजारीबाग यूथ विंग का यह प्रयास न केवल सेवा की भावना का प्रतीक है, बल्कि यह हमारे समाज में नारी शक्ति की भूमिका को भी उजागर करता है :– चंद्र प्रकाश जैन
Hazaribagh News: हजारीबाग यूथ विंग के द्वारा लगातार सामाजिक एवं धार्मिक कार्यों में अपनी सहभागिता बढ़-चढ़कर निभाई जाती है,अपने सामाजिक सेवा अभियानों के लिए लगातार चर्चा में रहता है,और इस बार संस्था के प्रयासों से थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों को जीवनदायिनी सहायता प्रदान की गई। इस नेक कार्य में महिला सशक्तिकरण की झलक भी देखने को मिली, जहां दो महिलाओं ने रक्तदान कर मानवता की मिसाल पेश की। इन महिलाओं में पहली हैं सीए नीतिका खण्डेलवाल,जो हजारीबाग यूथ विंग के उपाध्यक्ष जयप्रकाश खंडेलवाल की पुत्रवधू हैं। दूसरी महिला बरसा डे हैं, जो लगातार हजारीबाग यूथ विंग के विभिन्न सामाजिक अभियानों में सहयोग प्रदान करती रही हैं। इन दोनों नारी शक्तियों ने थैलेसीमिया से जूझ रहे बच्चों के प्रति अपनी संवेदनशीलता और समर्पण का उदाहरण प्रस्तुत किया। इस पहल के माध्यम से थैलेसीमिया से ग्रसित दो बच्चों को रक्त उपलब्ध कराया गया। इनमें विष्णुगढ़ के निवासी नरेश महतो की पुत्री रिया कुमारी 8 वर्षीय और एक अन्य बच्चा शामिल हैं। दोनों बच्चों के लिए यह रक्तदान उनके स्वास्थ्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण और जीवनरक्षक साबित हुआ। वर्तमान में ब्लड बैंक में रक्त की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है सभी लोगों को,जिससे जरूरतमंद मरीजों को समय पर रक्त उपलब्ध नहीं हो पा रहा है,थैलेसीमिया अन्य गंभीर स्थितियों में मरीजों को जीवनरक्षक रक्त के लिए काफी संघर्ष करना पड़ रहा है। हजारीबाग यूथ विंग हमेशा की तरह इस बार भी लोगों की सेवा के लिए तत्पर रहा, अपने माध्यम से लोगों को रक्तदान के प्रति जागरुक कर रहा है। समाज के हर व्यक्ति को इस अभियान में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए ताकि किसी भी मरीज को रक्त की कमी के कारण परेशानी न हो।
इस अवसर पर मुख्य रूप से संरक्षक चंद्र प्रकाश जैन,उपाध्यक्ष जयप्रकाश खंडेलवाल,कोषाध्यक्ष रितेश खण्डेलवाल,कार्यकारिणी सदस्य विकाश तिवारी,शम्पा बाला सहित कई लोग मौजूद रहें।
मौके पर संरक्षक चंद्र प्रकाश जैन ने कहा कि हजारीबाग यूथ विंग का यह प्रयास न केवल सेवा की भावना का प्रतीक है, बल्कि यह हमारे समाज में नारी शक्ति की भूमिका को भी उजागर करता है। सीए नीतिका खण्डेलवाल और बरसा डे ने न केवल रक्तदान किया, बल्कि उन्होंने यह संदेश भी दिया कि प्रत्येक व्यक्ति अपनी क्षमता के अनुसार समाज के लिए योगदान दे सकता है।