बॉलीवुड अभिनेता अजय देवगन एक बार फिर अपने चिर-परिचित अंदाज में पर्दे पर लौटे हैं ‘सन ऑफ सरदार 2’ के ज़रिए। यह फिल्म 2012 में आई ‘सन ऑफ सरदार’ की अगली कड़ी है, मगर इस बार कहानी, किरदार और प्रस्तुति में नया पन देखने को मिला है।
कहानी की झलक
फिल्म की कहानी एक छोटे शहर के सरदार जसविंदर सिंह उर्फ जस्सी (अजय देवगन) की है, जो एक बंटे हुए परिवार को फिर से जोड़ने का मिशन लेकर सामने आता है। इस मिशन में हंसी-मजाक, पारिवारिक तकरार, गलतफहमियों और इमोशनल मोड़ों की भरमार है। फिल्म का मूल संदेश है – “परिवार टूटते नहीं, बस थोड़ा समझना पड़ता है।”
कहानी भले ही सिंपल लगे, लेकिन इसे पर्दे पर दिलचस्प ढंग से पेश किया गया है, खासकर पंजाबी कल्चर और देसी मसालों के साथ।
अभिनय की बात करें तो…
अजय देवगन ने अपने किरदार में एक बार फिर वही सहजता दिखाई है जिसके लिए वे जाने जाते हैं। चाहे हल्के-फुल्के हास्य दृश्य हों या गंभीर पारिवारिक संवाद, उन्होंने हर रंग में खुद को ढाला है।
फिल्म में नायिका की भूमिका निभा रही मृणाल ठाकुर ने भी अपनी अदाकारी से दर्शकों का ध्यान खींचा है। उनके किरदार में मासूमियत और सादगी है, जो फिल्म की भावनात्मक गहराई को मज़बूती देती है।
रवि किशन और दीपक डोबरियाल जैसे सशक्त कलाकारों ने फिल्म को एक अलग कॉमिक एंगल दिया है, जो दर्शकों को हँसाने में कामयाब रहता है।
संगीत और तकनीकी पक्ष
फिल्म का संगीत एक औसत स्तर पर है। कुछ गाने कहानी को आगे बढ़ाते हैं, लेकिन कोई गीत ऐसा नहीं है जो लंबे समय तक ज़ेहन में रह जाए। हां, डांडिया और पंजाबी बीट्स वाले गाने सिनेमाघरों में माहौल ज़रूर बनाते हैं।
कैमरा वर्क, लोकेशन और प्रोडक्शन डिजाइन फिल्म का मज़बूत पक्ष हैं। पंजाब के खेत और विदेशी लोकेशन्स का तालमेल अच्छा बैठाया गया है।
निर्देशन और पटकथा
निर्देशक ने कोशिश की है कि फिल्म को पारिवारिक और मनोरंजक दोनों रूपों में प्रस्तुत किया जाए, लेकिन फिल्म का पहला भाग थोड़ा धीमा है। कुछ जगहों पर कहानी भटकती भी है, जिससे ध्यान टूटता है। मगर इंटरवल के बाद फिल्म रफ्तार पकड़ती है और दर्शकों को भावनात्मक रूप से जोड़ती है।
फैसला: देखना चाहिए या नहीं?
अगर आप अजय देवगन के फैन हैं, पारिवारिक ड्रामा पसंद करते हैं और हल्की-फुल्की कॉमेडी के साथ सिनेमाघर में समय बिताना चाहते हैं – तो यह फिल्म आपके लिए है।
रेटिंग: ⭐⭐⭐ (3/5)
फिल्म में मनोरंजन है, भावनाएं हैं और देसी स्टाइल की भरपूर झलक है। हां, कहानी में कुछ और कसावट होती तो अनुभव और बेहतर हो सकता था। लेकिन कुल मिलाकर ‘सन ऑफ सरदार 2’ एक फैमिली मसाला फिल्म है, जिसे परिवार और दोस्तों के साथ एक बार ज़रूर देखा जा सकता है।