Tuesday, December 24, 2024
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Sir Madam Sarpanch! अपने गाँव की महिला सरपंच,जिनके हुनर को किया देश ने सलाम ! जब मिली मीडिया से तो, उन्होंने कही ये बड़ी बात!

पढ़ाई में अच्छे-अच्छों को पछाड़ दिया। जिनके हुनर को देश ने सलाम किया। जिनकी क्रांतिकारी सोच ने महिला जन शक्ति का आगाज किया और फतेह दिलाई उस पिछड़ी सोच पर जो महिलाओ के कल्याण में जंजीर की बेड़ियों की तरह थी।

जी हा, महिला सशक्तिकरण के लिए जन्म हुआ ऐसी सरपंच का जो सात समुंदर पार बड़ी सी बड़ी डिग्री में महारत हासिल करने के बाद, अपने गाँव की भलाई और महिला जनकल्याण को जीवन का मूल आधार बनाकर व्हाइट कॉलर की नौकरी छोड़ अपने गाँव की सरपंच बन गयी। भोपाल की रहनेवाली,पैडवीमेन ऑफ इंडिया ,माया विश्वकर्मा और ओड़िसा की आरती देवी जिसने देश को बेटी पढ़ाओ का स्लोगन दिया।

14 अप्रैल को दुनिया भर में रिलीज हो रही फिल्म ‘सर मैडम सरपंच’ उनके जीवन से प्रेरित कहानी हैं। जिसके निर्देशक है राष्ट्रीय पुरष्कार विजेता प्रवीण मोरछले।

अपने जीवन की कहानी को बड़े पर्दे पर बनते हुए देख पैडवीमेन ऑफ इंडिया ,माया विश्वकर्मा काफी खुश हैं और वो कहती हैं,” भारत शोधों के मामले में दुनिया मे नए कीर्तिमान गढ़ रहा हैं। वही दुसरी तरफ हमारे शहरों में, कस्बो में ,गावो में सरपंच पति और पार्षद पति जैसे शब्द सुनने मिलते हैं। हम धीरे -धीरे इन स्टीरियो टाइप को तोड़ रहे हैं पर अभी भी काफी वक्त लगेगा। अब अगला सपना हमारे गाँव मे स्कूल खोलना हैं।”

ओड़िसा की महिला सरपंच आरती देवी ,जो बीबीसी के 100 सबसे प्रभावशाली महिलाओ की सूची में अपना नाम दर्ज करवा चुकी हैं। जिन्होंने अपने गाँव के लिए पानी से लेकर ,बिजली,सड़को से लेकर बेटी पढ़ाओ के स्लोगन से भारत को अवगत कराया । आरती देवी कहती हैं कि,”मुझे खुशी हैं कि प्रवीण मोरछले जी और मैडम एरियाना ने मुझे इतने बड़े प्लेटफार्म पर बुलाया और एक ऐसा माध्यम बनाया जिससे मेरे काम को दुनिया देखेगी। हम लोग गाँव मे काम करते हैं लेकिन अब इन सबके जरिये हमारे काम को देख कर लोग प्रभावित होंगे और भारत मे एक बड़ा बदलाव लाएंगे। मैं सबको धन्यवाद करती हूं।”

फ़िल्म में सरपंच का किरदार निभा रही एरियाना सजनानी में लिए ये मौका ,उनके जीवन मे बेहद खास अनुभव है कि उनके पहली ही फ़िल्म में ऐसी सशक्त किरदार निभाने का मौका मिला जो नारी शक्ति को दर्शाती हैं। एरियाना कहती है कि,” भाषा को लेकर मुझे ज्यादा मेहनत करनी पड़ी क्योंकि हिंदी मेरी दूसरी भाषा हैं। मैं न्यूयॉर्क की रहनेवाली हु। मेरी पढ़ाई लिखाई सब वही से हुई हैं। मैं शहर की लड़की हु तो गाँव की भाषा बोलना उनके एक्सेंट को पकड़ना और हाव भाव में उस कल्चर को व्यतित करना मेरे लिए चुनौती पूर्ण था। मैं माया विश्वकर्मा और आरती जी से मिली ,और मिलकर मुझमे एक शक्ति का संचार हुआ। वाकई वो महान महिलाएं हैं जिनसे सभी को प्रेरणा मिलती हैं। ”

‘सर मैडम सरपंच’, कुछ भारतीय लड़कियों की अविश्वसनीय कहानियों पर आधारित है, जो उच्च अध्ययन के लिए विदेश चली गईं और अपने गांवों की सरपंच बनने के लिए घर लौटीं। ये एक सोशल सटायर फ़िल्म हैं जो आपको हंसाएगी और जीवन के बड़े से बड़े पहलुओ को बारीकी से समझाकर आपको सोचने पर मजबूर कर देगी। इसने हाल ही में 29वें संस्करण में इनाल्को ज्यूरी अवार्ड जीता है। फ़िल्म में दादी अम्मा इंफ्लुएंसर के रूप में राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अभिनेत्री सीमा बिस्वास भी हैं।

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