बरही: राष्ट्र सेविका समिति (आरएसएस) की बरही की ओर से गायत्री मंदिर परिसर में प्रथम बार 32 मातृशक्ति की उपस्थिति में संघ मण्डली कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रारंभ में रश्मि कुमारी के द्वारा सुक्ष्म व्यायाम-खेल के पश्चात राष्ट्र सेविका समिति का परिचय कराते हुए बताया कि यह भारत की स्त्रियों की एक संस्था है, जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के दर्शन के अनुरूप कार्य करती है।
गायत्री मंदिर परिसर में राष्ट्र सेविका समिति (आर एस एस) की संघ मंडली का आयोजन
इसकी स्थापना 1936 विजयादशमी के दिन वर्धा में श्रीमती लक्ष्मीबाई केलकर के द्वारा हुई। वर्तमान में लगभग 30 हजार स्थानों पर समिति कार्य कर रही है।
निशा देवी के द्वारा देश हमें देता है सब कुछ गीत का गायन संपन्न हुआ। पश्चात तारा देवी के द्वारा अमृत वचन की प्रस्तुति की गई। मुख्य वक्ता त्रिवेणी साव जी ने कहा कि भारत समाज के उत्थान में मातृशक्ति का सदैव उच्च स्थान रहा है।
मातृशक्ति को देवी के रूप में देखती है राष्ट्र माता जीजाबाई, नेतृत्व रानी लक्ष्मीबाई और कर्तृत्व की दृष्टि से देवी अहिल्याबाई होल्कर का अमूल्य योगदान रहा है।
माता को प्रथम गुरु के रूप में देखा जाता है। स्त्री शक्ति के जागरण, प्रबोधन एवं संगठन द्वारा अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के उद्देश्य बहुविध सेवा के कार्य चलाए जाते हैं।
आरएसएस का महिला विंग नहीं बल्कि महिलाओं के आत्मसम्मान से जुड़ा हुआ आर एस एस के समांतर चलने वाला संस्था राष्ट्र सेविका समिति है। इस समिति आगामी प्रांतीय प्रशिक्षण संघ शिक्षा वर्ग पलामू की विस्तृत जानकारी दी गयी।
आगामी समिति की मासिक संघ मंडली पुन: 27 अप्रैल 4:30 बजे सायंकाल इसी गायत्री मंदिर में ही करने का निणर्य हुआ। कंचन गुप्ता जी के द्वारा आशीर्वचन उद्बोधन “यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमंते तत्र देवता” की सार्थकता पूरा करते हुए उपस्थित मातृशक्ति को अपने कर्मपथ पर डटे रहने का आह्वाहन किए एवं हिन्दु परंपरागत नववर्ष एवं बच्चों का जन्मदिन मनाने के लिए प्रेरित किए। अंत में जुली कुमारी जी के द्वारा राष्ट्र सेविका समिति की प्रार्थना के साथ कार्यक्रम पूर्ण हुआ। उक्त कार्यक्रम में प्रो. रामपदार्थ शर्मा, अनिता देवी, सविता देवी अन्यान्न 32 मातृशक्ति उपस्थित थी।