Tuesday, November 5, 2024
Google search engine
HomeLatestमेटा ने महिला चेंजमेकर्स और उद्यमियों को सहयोग देने एवं उनकी उपलब्धियों...

मेटा ने महिला चेंजमेकर्स और उद्यमियों को सहयोग देने एवं उनकी उपलब्धियों का जश्‍न मनाने के लिए दो पहलों की घोषणा की

भारत, 8 मार्च, 2022: महिला दिवस के मद्देनज़र, मेटा ने आज महिलाओं को सशक्‍त करने और महिला उद्यमिता को संभव बनाने वाले लोगों को सहयोग देने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराने के लिये दो पहलों की घोषणा की है। इंस्‍टाग्राम पर शी चैम्पियंस हरमहिलाओं द्वारा संचालित कम्‍युनिटीज का जश्‍न मनाएगा, जबकि मेटा की सीएसआर पहल प्रगति का दूसरा संस्‍करण महिलाओं द्वारा संचालित उन गैर-लाभकारी संस्‍थाओं को बढ़ावा और गति देगा, जो भारत में महिला उद्यमियों को सहयोग देने के लिये काम कर रही हैं।

मेटा ने हमेशा इस बात का ध्‍यान रखा है कि उसकी कम्‍युनिटी की पहुँच समावेशी प्‍लेटफॉर्म्‍स तक हो, जहाँ वे खुद को अभिव्‍यक्‍त कर सकें और जहां हर किसी की आवाज को महत्‍व मिले। यह प्रतिबद्धता विशेष रूप से फेसबुक और इंस्‍टाग्राम का इस्‍तेमाल करने वालीं महिला उपयोक्‍ताओं और उद्यमियों के लिये है, जिसे उन उत्‍पादों, कार्यक्रमों और नीतियों पर लगातार काम द्वारा रेखांकित किया जाता है, जो सुरक्षित अभिव्‍यक्ति और समान अवसरों को संभव बनाते हैं। इस संदर्भ पर ज्‍यादा जानकारी देते हुए, फेसबुक इंडिया (मेटा) के निदेशक एवं सार्वजनिक नीति प्रमुख राजीव अग्रवाल ने कहा, “मेटा में हम इंटरनेट पर लैंगिक समानता लाने की कोशिशें कर रहे हैं। इसके लिए हम न केवल ज्‍यादा महिलाओं को पहुँच प्रदान कर रहे हैं, बल्कि बदलाव लाने वालीं महिलाओं और महिलाओं द्वारा संचालित व्‍यवसायों को वृद्धि के अवसर और प्‍लेटफॉर्म्‍स भी मुहैया करा रहे हैं। शी चैम्पियंस हरऔर प्रगति इस दिशा में हमारी कोशिशों को और आगे बढ़ाएंगे और उम्‍मीद है कि ऐसा आंदोलन बनेंगे, जो दूसरों को भी बदलाव के लिये प्रेरित करेगा, महिला सशक्तिकरण में साथी के तौर पर और यह महिलाओं द्वारा संचालित सफल व्‍यवसायों की मिसाल का काम करेगा।”

इंस्‍टाग्राम पर शी चैम्पियंस हरकैम्‍पेन 

इंस्‍टाग्राम पर ‘शी चैम्पियंस हर’ को युवा के साथ भागीदारी में लॉन्‍च किया जा रहा है, जोकि युवा-सम्‍बंधी मीडिया एवं इनसाइट्स कंपनी है। कैम्‍पेन के मूल में यह जानकारी है कि सुरक्षा से स्‍वतंत्र अभिव्‍यक्ति संभव होती है और कई महिलाओं ने अन्‍य महिलाओं की सहायता में रूचि दिखाई है और इसके लिये वे विभिन्‍न मुद्दों पर बदलाव की दूत बनी हैं, जैसे बुलिंग, बॉडी पॉजिटिविटी और उद्यमिता भी। यह कैम्‍पेन @weareyuvaa पर एक महीने की एक कंटेन्‍ट सीरीज के माध्‍यम से ऐसी महिलाओं को सराहना करेगा, जिसमें बदलाव लाने वालीं (चेंजमेकर) 10 महिलाएं होंगी, जैसे इंटरनेशनल पॉप आर्टिस्‍ट और कंटेन्‍ट क्रियेटर अवंति नगराल , महिलाओं के अधिकारों और महिलाओं के कानून को समर्पित एक प्‍लेटफॉर्म पिंक लीगल  की फाउंडर और सीईओ मानसी चौधरी, पेरेंटिंग कम्‍युनिटी किड्सस्‍टॉपप्रेस की फाउंडर मानसी ज़वेरी और  आरा हेल्‍थ  की को-फाउंडर और प्रोजेक्‍ट नवेली  की फाउंडर नव्‍या नवेली नंदा।

‘शी चैम्पियंस हर’ मूवमेंट को भारत के 5 शहरों – दिल्‍ली, मुंबई, बेंगलुरू, हैदराबाद और कोलकाता में ओपन-माइक इवेंट्स द्वारा आगे बढ़ाया जाएगा। यह ओपन माइक इवेंट्स वे सुरक्षित स्‍थान होंगे, जहाँ युवा लोग महिलाओं के लिये ऑनलाइन और ऑफलाइन ऐसी ही कम्‍युनिटीज और स्‍थान बनाने पर केन्द्रित होकर अपने सफर और आकांक्षाओं पर बात कर सकते हैं। इस कैम्‍पेन पर अपडेट रहने के लिये #SheChampionsHer को फॉलो करें।

मेटा की सीएसआर पहल प्रगतिका दूसरा संस्‍करण

2020 में लॉन्‍च हुई ‘प्रगति’ एन/कोर (द/नज सेंटर फॉर सोशल इनोवेशन) के साथ भागीदारी में महिला उद्यमिता को सहयोग देते हुए महिला सशक्तिकरण को बढ़ाने के लिये एक पहल है। इस संस्‍करण में पूरे भारत की गैर-लाभकारी संस्‍थाओं से मिले 1000 से ज्‍यादा आवेदनों में से छह संस्‍थाओं को चुना गया है। यह संस्‍थाएं महिलाओं द्वारा संचालित, शुरूआती अवस्‍था के गैर-लाभकारी संस्‍थान हैं, जो महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में, खासकर उद्यमिता, डिजिटल समावेशन, स्‍वास्‍थ्‍य और कौशल को बेहतर बनाने (अपस्किलिंग) पर काम कर रही हैं।

इसमें चयनित छह गैर-लाभकारी संस्‍थाएं हैं- फाउंडेशन फॉर मदर एंड चाइल्‍ड हेल्‍थ (एफएमसीएच), एस्‍थर, साझे सपने, स्‍वातन्‍य इंडिया फाउंडेशन, तिसेर आर्टिसन ट्रस्‍ट और एकीबेकी।

  • एफएमसीएच मुंबई के झुग्‍गी क्षेत्रों में कुपोषण और गर्भवती महिलाओं के बाधित विकास जैसे मुद्दों पर रोकथाम के लिये काम करता है
  • एस्‍थर महिलाओं को काम करने के लिये तैयार बनाने हेतु पाँच महीने के एक प्रोग्राम की पेशकश करता है
  • साझे सपने शहरों के परिधीय क्षेत्रों में महिलाओं के साथ काम कर एक साल के कैरियर सर्टिफिकेशन कोर्सेस और प्रशिक्षण करवाता है, ताकि उन्‍हें रोजगार के अच्‍छे अवसर मिल सकें
  • स्‍वातन्‍य इंडिया फाउंडेशन दिल्‍ली की झुग्गियों में रहने वालीं महिलाओं के साथ काम करता है और शिल्‍पकृतियों के निर्माण में पुन:चक्रित कच्‍चे माल के इस्‍तेमाल पर कुशलता और प्रशिक्षण देकर उन्‍हें सशक्‍त बनाता है
  • तिसेर आर्टिसन ट्रस्‍ट कारीगरी वाले क्षेत्रों, जैसे महाराष्‍ट्र में वर्ली और बिहार में मधुबनी की महिलाओं को बेहतर शिल्‍पकृतियों और कुशलताओं का प्रशिक्षण देकर उनका सहयोग करता है
  • एकीबेकी विलुप्ति के जोखिम वालीं पारंपरिक भारतीय शिल्‍पकलाओं की पहचान करता है, डिजाइन, कुशलता और बाजार के दखल से उन्‍हें दोबारा जीवन देने पर केन्द्रित है और कामगारों के लिये आत्‍मनिर्भर क्षेत्र निर्मित करता है।

चार मुख्‍य घटकों- अनुदान, धनराशि जुटाना, संस्‍थागत क्षमता निर्माण और रणनीतिक संरक्षण, के साथ यह प्रोग्राम चुने गये हर गैर-लाभकरी को जागरूकता लाने और भारत में अं‍तिम मील तक महिलाओं के बीच टेक्‍नोलॉजी को अपनाये जाने में सहायता देगा। ‘प्रगति’ पहल के तहत, इनमें से हर संस्‍था को 50 लाख रूपये तक के अनुदान मिलेंगे। चुनी गई इन संस्‍थाओं में से एफएमसीएच 12 महीने के एक्‍सीलरेटर प्रोग्राम में है, जिसे उद्योग विशेषज्ञों से संरक्षण एवं नेट‍वर्किंग का सहयोग मिलेगा। अन्‍य पाँच संस्‍थाएं नौ महीने के इंक्‍युबेशन प्रोग्राम का हिस्‍सा हैं, जिन्‍हें उद्योग विशेषज्ञों से संरक्षण और मेटा तथा द/नज फाउंडेशन से नेटवर्किंग का सहयोग मिलेगा।

‘प्रगति’ के पहले संस्‍करण ने महिलाओं द्वारा संचालित चार गैर-लाभकारी संस्‍थाओं को अनुदान, संरक्षण और नेटवर्क सहयोग पाने के लिये बढ़ावा दिया था, जिससे वे 16 मिलियन से ज्‍यादा लोगों को सकारात्‍मक रूप से प्रभावित करने में समर्थ हुए। इन गैर-लाभकारी संस्‍थाओं ने 700 से ज्‍यादा गैर- लाभकारी के लिए डिजिटल क्षमता निर्माण में भी मदद की।

मेटा प्‍लेटफॉर्म्‍स इंक के विषय में

मेटा ऐसी तकनीकें बनाता है, जो लोगों को आपस में जुड़ने, कम्‍युनिटीज खोजने और व्‍यवसाय बढ़ाने में सहायता करती हैं। 2004 में जब फेसबुक लॉन्‍च हुआ था, उसने लोगों के एक-दूसरे से जुड़ने का तरीका बदल दिया। फिर मैसेंजर, इंस्‍टाग्राम और व्‍हाट्सएप जैसे ऐप्‍स ने दुनिया में अरबों लोगों को सशक्‍त किया। अब मेटा 2डी स्‍क्रीन्‍स से आगे बढ़कर मगन करने वाले अनुभव दे रहा है, जैसे ऑगमेंटेड और वर्चुअल रियलिटी, ताकि सामाजिक प्रौद्योगिकी में अगली उन्‍नति हो सके।

RELATED ARTICLES

Most Popular