हजारीबाग, 10 नवंबर 2023: हजारीबाग कॉलेज ऑफ डेंटल साइंसेज एंड हॉस्पिटल में दिन बुधवार को अंतर्राष्ट्रीय रेडियोलॉजी दिवस मनाया गया। इस अवसर पर ओरल मेडिसिन और रेडियोलॉजी विभाग द्वारा व्याख्यान कर जागरूकता फैलाया गया। प्रवेश द्वार पर अंतर्राष्ट्रीय रेडियोलॉजी दिवस का एक संदेश देते हुए एक सुंदर सा रंगोली बनाया गया। जिसमें मुख्य रूप से सचिव डाॅ प्रवीण श्रीनिवास एवं परी फाउंडेशन के निदेशक रोली गुप्ता ने शामिल हुए।
मौके पर सचिव डाॅ प्रवीण श्रीनिवास ने अपने संबोधन में कहा कि रेडियोलॉजी के जनक प्रो. विलियम कोनार्ड रोंजन ने 8 नवंबर 1895 में एक्स-रे तकनीक की खोज की। इसके बाद मरीजों की जांच प्रक्रिया में अहम बदलाव आ गया। इस खोज के बाद से विश्वभर में चिकित्सा जगत में महत्वपूर्ण कामयाबी हासिल की। इससे शरीर के विभिन्न रोगों व अंदरूनी चोटों का पता आसानी से लगाया जा सकता है जिससे मरीजों का इलाज करने में आसानी होती है।
ओरल मेडिसिन और रेडियोलॉजी के प्रिंसिपल सह एचओडी प्रोफेसर डॉ. के. श्रीकृष्णा ने इस अवसर पर सभी संकाय को शुभकामनाएं दीं और वहीं कार्यक्रमों के संचालन के लिए ओरल मेडिसिन और रेडियोलॉजी के संकाय को बधाई दी।
उन्होंने कहा कि रेडियोलॉजी चिकित्सा जगत में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इससे रोगों का जल्दी और सही पता लगाया जा सकता है। इससे मरीजों को समय पर इलाज मिल पाता है और उनका जीवन बचाया जा सकता है।
इस अवसर पर ओरल मेडिसिन और रेडियोलॉजी विभाग के डॉक्टरों ने विभिन्न प्रकार की रेडियोलॉजी तकनीकों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एक्स-रे, सीटी स्कैन, एमआरआई, अल्ट्रासाउंड आदि तकनीकों का उपयोग शरीर के विभिन्न अंगों की जांच के लिए किया जाता है। इन तकनीकों से शरीर के अंदरूनी भागों की स्पष्ट तस्वीरें प्राप्त की जा सकती हैं।
इस कार्यक्रम में कॉलेज के छात्र-छात्राओं, शिक्षकों और अन्य लोगों ने भाग लिया।