प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में तकनीकी रूप से भारत को सशक्त और समृद्ध बनाने के लिए डिजिटल इंडिया मिशन की शुरुआत की गई थी। डिजिटल इंडिया मिशन का उद्देश्य ग्रामीण इलाकों को हाईस्पीड इंटरनेट से जोड़ना भी है। इस मिशन के तहत जब हर जरूरत का काम ऑनलाइन हो पाएगा तो कागज की आवश्यकता कम पड़ेगी, जिससे पर्यावरण की भी सुरक्षा हो सकेगी। पीएम मोदी के इसी ‘विजन’ को हकीकत में बदलने का काम कर रही हैं जोधपुर के एक छोटे से गांव में रहने वाली मोमीना बानो।
कोविड-19 महामारी के इस दौर में जहां सब काम ऑनलाइन हो रहा है, वहां डिजिटल इंडिया मिशन एक क्रांति बन गया है। कोरोना महामारी की वजह से लगे लॉकडाउन के दौरान लोगों ने घर से काम किया और डिजिटल माध्यम से अपना वेतन हासिल किया। डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के माध्यम से ही शहर और गांव के छात्र टीवी, मोबाइल और लैपटॉप से शिक्षा प्राप्त कर सके। ग्रामीण इलाके के किसान आज सीधे अपने बैंक खाते में पीएम-किसान जैसी अनेक योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं।
वैसे भी आज देश में स्मार्टफोन चलाने वालों की संख्या 50 करोड़ से भी ज्यादा है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि डिजिटल इंडिया मिशन आज हमारे लिए कितना आवश्यक है। इसी मिशन से गांव के युवाओं को रोजगार देने का काम कर रही हैं 25 वर्षीय मोमीना बानो। ना सिर्फ रोजगार, वह इस मिशन के तहत उन्हें आत्मनिर्भर भी बना रही हैं जो प्रधानमंत्री मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ योजना के तहत आता है।
मोमीना बानो इनोवेशन और नए आविष्कार में काफी विश्वास रखती हैं। इसी कारणवश, प्रधानमंत्री मोदी के डिजिटल इंडिया मिशन से वह काफी प्रभावित हुईं। हालांकि, एक छोटे से गांव से आने के बाद उनके लिए यह किसी सपने से कम नहीं था। लेकिन मोमीना कहती हैं, “जब आपको खुद पर भरोसा होता है तो आप किसी भी सपने को साकार कर सकते हैं”। शायद यही वजह है कि संघर्ष और चुनौतियों का सामना करके आज मोमीना हजार से ज्यादा लोगों को डिजिटल मार्केटिंग के जरिए रोजगार दे रही हैं। मोमीना बानो ने 19 वर्ष की उम्र से डिजिटल मार्केटिंग की दुनिया में कदम रख दिया था। उस वक्त उन्हें ज्यादा समझ नहीं थी, लेकिन वक्त के साथ उन्होंने अपने आप को इस फील्ड में पूरा समर्पित कर दिया। उनके परिश्रम और समर्पण का नतीजा यह रहा कि वह कम उम्र में ही सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर बन गई। लोगों को उनका काम काफी पसंद आने लगा। डिजिटल इंडिया मिशन के तहत उन्होंने कई लोगों की सोशल मीडिया पर प्रभावशाली प्रोफाइल बनाने में भी मदद की। उन्होंने कई सेलिब्रिटीज के सोशल मीडिया अकाउंट को भी मैनेज किया है।
अपनी स्कूली शिक्षा को पूरा करने के बाद, मोमीना बानो ने तकनीकी शिक्षा हासिल करने के लिए अपने आप को समर्पित कर दिया। गांव में उन्हें काफी तकनीकी संसाधनों की कमी महसूस हुई लेकिन फिर भी उन्होंने एक छोटे से कमरे से अपना काम चालू किया। आज मोमीना ने अपना खुद का स्टार्टअप खड़ा कर लिया है। उनके स्टार्टअप कंपनी का नाम, “जील डिजिटल मीडिया” है। मोमीना को डिजिटल मार्केटिंग में आज 6 साल का अनुभव है। और आज वह हजार से ज्यादा युवाओं को डिजिटल इंडिया मिशन के तहत रोजगार दे रही हैं। मोमीना गांव के लोगों को डिजिटल इंडिया मिशन के तहत जोड़कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास पिछले कई सालों से कर रही हैं जो काफी सराहनीय है। मोमीना बानो पीएम मोदी के डिजिटल इंडिया मिशन को और आगे ले जाना चाहती हैं। इसके लिए वह दिन रात तकनीकी आविष्कार कर रही हैं। वह हिंदुस्तान के ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाली सभी लड़कियों के लिए आज प्रेरणा बन चुकी हैं। हमें मोमीना पर गर्व है और उम्मीद करते हैं कि मोमीना डिजिटल इंडिया मिशन के तहत अपने स्टार्टअप को और बढ़ाएंगे और कई युवाओं को इसमें शामिल करेंगे जिससे आत्मनिर्भर भारत का सपना भी साकार हो पाएगा।