Barhi,11/01/2022: बरही गौरियाकर्मा निवासी साजदा खातून की मौत 20 अगस्त 2019 को धान रोपने के दौरान हुई वज्रपात से हो गई थी। महिला की मौत के ढाई साल बाद भी उनके परिजनों को आपदा राहत कोष से मिलने वाली सरकारी सुविधा नही मिली। मृतक के पति मो. सेराज, पिता मो. रहमान अंसारी मुआवजा को लेकर कार्यालय का चक्कर लगाकर परेशान हो गए है।
इस बाबत उन्होंने जिला उपायुक्त हज़ारीबाग़ को आवेदन देकर मुआवजा को लेकर एक बार पुनः गुहार लगाई है। कहा कि धान रोपने के दौरान वज्रपात होने से मौके पर ही उनकी पत्नी की मौत हो गई थी। सरकारी प्रावधान के मुताबिक आपदा राहत कोष से मुआवजा मिलनी चाहिए थी। लेकिन नही मिल पाई है। जबकि सारी कागजी औपचारिकताएं पूरी की गई है। इस बाबत समाजसेवी अशोक प्रसाद ने बताया कि सरकारी प्रक्रिया को इतना जटिल बना दिया गया है कि आम जनता को सरकारी मुआवजा प्राप्त करने में काफी परेशानी होती है। इस प्रक्रिया को सरल एवं सुलभ बनानी चाहिए थी।