बरही में लगातार भीषण गर्मी का प्रकोप लगातार बढ़ रही है। गर्मी की शिद्दत के साथ ही तापमान में निरंतर बढ़ोतरी होने लगी है। जिसका सीधा प्रभाव जलस्तर पर पड़ा है। बरही प्रखंड के अधिकांश ताल तलैया सूखने लगे है। जलस्तर में कमी और नदी – तालाब सूखने से इंसान ही नही पशु पक्षी और मवेशियों की भी मुसीबत बढ़ गई है। दूर – दराज के ग्रामीण क्षेत्र और जंगली इलाकों में पीने का पानी के लिए बनाए चुंवा आदि भी सुख रहे है। इससे दुरुस्थ ग्रामीण क्षेत्रों के ग्रामीण तथा आदि जनजाति के लोगों के साथ – साथ पशु पक्षियों जीव – जंतुओं के लिए पानी का संकट गहरा गया है। गर्मी के कारण जलस्तर पाताल की और समाने लगी है। कुंआ, नदी, नाले आदि जलाशय सुख रहे है। कई गांवों का तालाब अभी से सुख चुकी है।
क्या कहते है ग्रामीण
ग्रामीणों का कहना है की पंचायत चुनाव के दौरान लोगो में उम्मीद जगी थी की लोगों को पानी, सड़क आदि मूलभूत सुविधा उपलब्ध होंगी। फिर भी लोग पानी के लिए तरस रहे है। जल संरक्षण को ले सरकार हर साल लाखों करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। लेकिन स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं प्रशासन की अनदेखी के कारण बहुत ऐसे गांव है जहां तालाब का जीर्णोधार नही हो पाया है।