26/11 को मुंबई पर हुए आतंकी हमले की घटना पर बेस्ड रामगोपाल वर्मा की फिल्म ‘अटैक ऑफ 26/11’ काफी चर्चित सिनेमा था जिसमें जहां नाना पाटेकर के अभिनय की प्रशंसा हुई थी वहीं आतंकी कसाब की भूमिका निभाने वाले संजीव जयसवाल भी प्रभावित करने में कामयाब रहे थे। लेकिन इस वर्सटाइल ऎक्टर के साथ दुविधा यह है कि निर्माता निर्देशक उन्हें खूंखार आतंकवादी के चरित्र ही ऑफर करते हैं और वह खुद को सिर्फ इसी एक इमेज में कैद नहीं करना चाहते। संजीव जयसवाल को कई बार टेररिस्ट के रोल को स्वीकार करने से इनकार करना पड़ा।
संजीव जयसवाल इस इनकार की वजह बताते हुए कहते हैं “रामगोपाल वर्मा की उस फिल्म में मैंने आतंकवादी कसाब का रोल किया था, उस किरदार को निभाने के लिए मुझे शारीरिक से ज्यादा मानसिक रूप से तैयारी करनी पड़ी थी, उस कैरेक्टर से निकलने में मुझे महीनों लगे थे और अब मैं वापस किसी आतंकवादी की भूमिका निभाकर उसी मानसिक परिस्थिति से गुजरना नही चाहता, जिससे बाहर निकलने में भी मुझे काफी समय लगा था। यही वजह है कि अब मेरे पास आतंकवादी का किरदार निभाने का ऑफर आता है तो मैं मना कर देता हूँ। कसाब जैसा किरदार अदा करने के लिए मेरे पास और भी कई फोन आए मैंने मना कर दिया।”
उनका कहना है कि वह खलनायक का रोल करने को तैयार हैं मगर टेररिस्ट की भूमिका नहीं करनी। दिग्गज अभिनेता नाना पाटेकर के साथ अभिनय करने के बारे में संजीव जयसवाल याद करते हुए कहते हैं “नाना जी के साथ स्क्रीन शेयर करना ही अपने आप मे बड़ा अचीवमेंट है। उस फ़िल्म में नाना पाटेकर के साथ मेरा पहला सीन पूछताछ का एक दृश्य था। वह चार पांच पेज की स्क्रिप्ट थी, मुझे बोलना था, उनका केवल रिएक्शन था। नाना पाटेकर के बारे में कई लोगों ने मुझसे कहा था कि वह बहुत गुस्सा करने वाले अभिनेता हैं। मैं बहुत डरा और घबराया हुआ था कि इतने लंबे डायलॉग को अगर मैं सही से नहीं बोल पाया तो नाना मेरी खिंचाई कर देंगे। लेकिन खैर दूसरे टेक में वह सीन ओके हो गया। बाद में वह मुझे मिले तो मेरी हौसला अफजाई की। उनके साथ 5-6 दिन मैंने शूट किया और कहीं कोई दिक्कत नहीं हुई।”
रामगोपाल वर्मा जैसे मंझे हुए निर्देशक के साथ काम करने का कैसा अनुभव रहा, संजीव जयसवाल ने बताया कि अटैक ऑफ 26/11 फ़िल्म के बनने के दौरान लगभग एक साल तक मैं रामगोपाल वर्मा के सम्पर्क में रहा। रामु जी एक जीनियस डायरेक्टर हैं, वह हमेशा सोचते रहते हैं। स्टोरी, कैरेक्टर, नेक्स्ट सीन के बारे में कुछ न कुछ उनके मन मस्तिष्क में चलता रहता है। वह ज्यादा बात नहीं करते मगर जो भी बोलते हैं दिल से कहते हैं। उन्हें अच्छी तरह पता होता है कि अदाकारों से कैसे काम निकलवाना है।”
2019 में साउथ में उनकी एक फ़िल्म देवकी रिलीज हुई थी। उसका हिंदी रीमेक जल्द बनने जा रहा है जिसमें वह निगेटिव रोल प्ले कर सकते हैं। उनकी एक हिंदी फिल्म “कोर्ट कचहरी” अप्रैल में आ रही है जिसमें वह हीरो हैंं जिसमें राजेश शर्मा और बृजेन्द्र काला भी है और प्रकाश झा के एसोसिएट डायरेक्टर रजनीश जी ने इस फ़िल्म को डायरेक्ट किया है।
संजीव कहते हैं “यह एक बिल्कुल सकारात्मक भूमिका है। मेरा दावा है कि जब थिएटर से यह फ़िल्म देखकर पब्लिक निकलेगी तो मेरे किरदार से भावनात्मक रूप से जुड़ जाएगी और कई दिनों तक वह किरदार उसे याद रहेगा। अटैक ऑफ 26/11 में कसाब की भूमिका करने के बाद लोगों को मेरे किरदार से नफरत हो गई थी, वह आज भी मुझसे घृणा करते हैं। लेकिन अब लगता है कि इस नई फिल्म से मेरे प्रति जो नफरत है वह खत्म हो जाएगी। इस फ़िल्म में हीरोइन के साथ मैं रोमांस करते भी नजर आऊँगा।”