नई दिल्ली, 2 मई, 2023: आज के समय में हर कोई किसी न किसी स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहा है। स्वास्थ्य संबंधी किसी भी समस्या से निजात पाने और उचित इलाज के लिए एक ऐसी डायग्नोस्टिक लैब की जरूरत होती है, जो नवीनतम प्राद्योगिकी का प्रयोग करते हुए समय पर जांच रिपोर्ट प्रदान कर सके। इस जरूरत को पूरा करने के लिए कोर डायग्नोस्टिक्स ने रियलैब डायग्नोस्टिक्स के साथ मिलकर एच-64, एच ब्लॉक, बाली नगर, नई दिल्ली में एक सैटेलाइट लैब की शुरुआत की।
लैब का उद्घाटन करते हुए श्री दिनेश चौहान, सीईओ, कोर डायग्नोस्टिक्स ने कहा कि उनका प्रयास भारत में सबसे उन्नत टैस्टिंग टैक्नीक अपनाने का है। श्री चौहान ने नई दिल्ली, बेंगलुरु, भुवनेश्वर, लखनऊ और गुवाहाटी में कोर द्वारा स्थापित अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस उन्नत सैटेलाइट लैब्स के बारे में मीडिया को जानकारी दी।
उद्घाटन समारोह में रियलैब डायग्नोस्टिक्स की प्रमुख डॉ. रुचिका मनचंदा भी मौजूद थीं। उन्होंने भारत में मॉलिक्यूलर इन्फैक्शन टैस्टिंग की स्थिति और रोगियों को त्वरित और सटीक परीक्षण परिणाम प्रदान करने के लिए उनकी लैब कितनी प्रतिबद्ध है, इस पर अपने विचार प्रकट किए।
इसके अलावा, समारोह में डॉ. अनिल सिंह, डॉ. राकेश गुलाटी, डॉ. अंजू गुलाटी, डॉ. पी. के. गंभीर, डॉ. एल. नागमोती, और डॉ. ए. के. मनचंदा जैसे कई प्रसिद्ध चिकित्सक भी उपस्थित थे।
कोर डायग्नोस्टिक्स ने 2012 में गुरुग्राम में अपनी पहली लैब स्थापित की थी जो एनएबीएल और कैप से मान्यता प्राप्त है। एनएबीएल भारतीय गुणवत्ता परिषद का एक हिस्सा है और सीएपी दुनिया की सबसे बड़ी एसोसिएशन है, जो अमेरिकन बोर्ड ऑफ पैथोलॉजी द्वारा प्रमाणित है। कोर के पास 600 से अधिक कर्मचारियों की एक टीम है जो रोगियों को उच्च गुणवत्ता वाली रिपोर्ट प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। वर्तमान में, कोर के पास 8500 से अधिक प्रेस्क्राइबर और 1000 से अधिक ग्राहक हैं जिनमें अस्पताल, क्लीनिक, डायग्नोस्टिक प्रयोगशालाएं, गैर सरकारी संगठन, फार्मा कंपनियां, राज्य सरकारें आदि शामिल हैं। टीम में एमडी, डीएम और पीएचडी डॉक्टर हैं जिसमें ऑन्को-पैथोलॉजिस्ट, हेमाटो-पैथोलॉजिस्ट, मेडिकल जेनेटिसिस्ट, साइटोजेनेटिसिस्ट, मॉलिक्यूलर साइंटिस्ट, पैथोलॉजिस्ट, हिस्टोपैथोलॉजिस्ट, माइक्रोबायोलॉजिस्ट और बायोकैमिस्ट शामिल हैं। कोर कई रोगों के परीक्षण की पेशकश करता है, जिनमें ऑन्कोलॉजी (ऑनकोर), स्त्री रोग (रेप्रोकोर), गैस्ट्रोएंटरोलॉजी (गैस्ट्रीकोर), ट्रांसप्लांट इम्यूनोलॉजी (जीनोकोर), नेफ्रोलॉजी (नेफ्रोकोर), जेनेटिक्स (जीनकोर), न्यूरोलॉजी (न्यूरोकोर) और रूटीन/ प्रिवेंटिव हैल्थकेयर (वीटाकोर) प्रमुख हैं।