Saturday, November 23, 2024
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Chhath Puja 2022: नहाय खाय के साथ शुरू हुआ लोकआस्था का महापर्व छठ

हजारीबाग सुन लो अरजिया हमार हे छठी मैया शहर मे शुक्रवार से सूर्योपासना का महापर्व छठ का चार दिवसीय अनुष्ठान नहाय-खाए से शुरू हुआ। शहर के घाटों पर छठ गीत बजने लगी।

श्रद्धालुओं ने घरों पर स्नान करके लौकी की सब्जी और अरवा चावल ग्रहण करके छठ व्रत का संकल्प लिया। व्रतियों का 36 घंटे का निराहार-निर्जला व्रत शनिवार को खरने के बाद शुरू होगा। रविवार को सायंकालीन व सोमवार को उदयीमान सूर्य को प्रात:कालीन अर्घ्य देने के बाद व्रती पारण करके चार दिवसीय अनुष्ठान का समापन करेगी।

धार्मिक मान्यता है कि छठ महापर्व में नहाए-खाय से पारण तक व्रतियों पर षष्ठी माता की कृपा बरसती है। झारखंड,बिहार में छठ महापर्व पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है।

अपने शहर हजारीबाग में भी काफी तादाद में श्रद्धालु छठ महापर्व कर रहे है।

Chhath Puja 2022

श्रद्धालुओं के घरों पर छठी मैया और हर-हर गंगे के जयकारे
शुक्रवार की सुबह से ही गूंजने लगी और उनके घरों की नजारा बदला हुआ था।

छठ व्रती व उनके परिजन छठ के पारंपरिक गीत दर्शन देहू न आपार हे छटी मैया…उगऽ हे सूरजदेव अरघ के बेरिया… गाते हुए सुबह से ही पूजा में लगे हुए थे।

कई श्रद्धालुओं ने घाटों पर प्रसाद के लिए पानी लेकर गए। फिर कई छठ व्रतियों ने हर हर गंगे और हे छठी मैया के जयकारे लगाते हुए गंगा में आस्था की डुबकी लगायी। जिसके पश्चात छठ व्रतियों ने अपने अपने घरों में लौकी की सब्जी, चने की दाल और अरवा चावल बनाकर भगवान भास्कर को भोग लगाकर प्रसाद ग्रहण किये।

दूसरी ओर भारी संख्या में व्रतियों ने अपने-अपने घरों में अरवा चावल, चने की दाल व कद्दू की सब्जी बनाकर भोजन किया। व्रतियों व उनके परिजनों ने नहाए-खाए के साथ ही खरना व सायंकालीन, प्रात:कालीन अर्घ्य की भी तैयारी की। घरों की छतों पर खरने के प्रसाद के लिए गेहूं साफ करके सुखाए गए। गेहूं के पूरी तरह से सूखने तक व्रती व अन्य सदस्य वहीं बैठे रहे।

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