गृहमंत्री अमित शाह से गुहार लगाएंगे रेसलर संग्राम सिंह ! 3 महीनों से लगातर गायों की हो रही मौत पर संग्राम सिंह की ये बड़ी पहल!11 मोबाइल एम्बुलेंसस सुविधाओ को दी हरी झंडी
पशु- कल्याण की बात हो या उनके रख-रखाव की, मूक-बधिर जानवरों की नेकी के लिए उठाया गया हर कदम मानव जाति का सबसे बड़ा धर्म होता है और कर्तव्य भी । कॉमन वेल्थ हैवी वेट विजेता संग्राम सिंह इसे अपना सबसे बड़ा सौभाग्य मानते हैं कि वो पशुओं के लिए कोई कल्याणकारी कदम उठा सके और यही वजह हैं कि संग्राम सिंह जल्द ही गृहमंत्री अमित शाह से मिलकर उनसे हाल ही में चर्म रोग लंपी की वजह से मौत की मुह में जा रही गोमाता के बचाव को लेकर गुजारिश करेंगे।
संग्राम सिंह कहते हैं कि,” मैं माननीय गृहमंत्री श्री अमित शाह जी से गुजारिश करूँगा कि गाय माता में लंपी वायरस की बीमारी फैली हुई हैं इसके लिए उचित कदम उठाए, खासकर राजस्थान,मध्य प्रदेश,गुजरात में। गाय को माँ का दर्जा दिया गया हैं क्योंकि गाय का मूत्र,गाय का दूध, गोबर ,हर एक चीज अमृत हैं। एक खास बात ये भी हैं कि जब बछड़ी या बछड़ा पैदा होता हैं तब माँ कहते हुए पैदा होता है,जो और कही नही होता इसीलिए उन्हें गौमाता कहा गया हैं। मेरी दरख्वाज है, माननीय गृहमंत्री श्री अमित शाह जी से ,जो ग्रसित राज्य की सरकार के लिए एक आर्डर निकाले और उन्हें विशेष रूप से गौ माताओ की देखभाल के लिए ठोस कदम उठाने का अनुवेदन करे जो बीमारी की जड़ तक पहुँचकर, समय पर ग्रसित गायों को इलाज की सुविधा मुहैया कराए”। गाय के हित के लिए जबकि हम इतना हवन और पूजा कर रहे हैं,तो हमारा ये फ़र्ज़ हैं कि हम आवाज उठाये, जैसे कि लोग कह रहे हैं कि दूध में भी वायरस हैं, सरकार को इसे भी एक राष्ट्रीय आपदा घोषित करनी चाहिए क्योंकि गाय के साथ जो सनातन धर्म के लोग हैं उनके बहुत इमोशन जुड़े हुए हैं। तो मैं सोचता हूं कि मेरे लिए मेरी माँ ही बीमार।
आपको बता दे कि हाल ही में संग्राम सिंह और पायल रोहतगी ने एनिमल एक्टिविस्ट डॉ. अनुषा श्रीनिवासन अय्यर,अरहम अनुकंपा, समस्त महाजन की मौजूदगी में पशुओं के संरक्षण और उनके कल्याण के लिए नए 11 एम्बुलेंस को झंडा दिखाकर उसका प्रमोचन किया।
एनिमल एक्टिविस्ट डॉ. अनुषा श्रीनिवासन अय्यर का कहना हैं कि,”. ये अमूमन तौर पर एक मेडिकल अम्बुलेंसस हैं जो सारी आधुनिक मेडिकल सुविधाओ से लैस हैं ,इन अम्बुलेंसस के जरिये जानवरो का तुरंत इलाज हो पायेगा, वरना उनकी ट्रीटमेंट के लिए उन्हें बहुत वक़्त तक रुकना पड़ता हैं जिसकी वजह से उनकी मौत भी हो जाती हैं। तो ऐसे नई मोबाइल एम्बुलेंसस के आ जाने से पशुओं के प्राथमिक उपचार में सहायता मिल पाएगी और उन्हें समय रहते बचाया जा सकेगा। इस संस्था का उद्देश्य हैं कि साल भर में 36 हजार पशुओं की देखभाल की जाए तांकि पशु संरक्षण और पशु कल्याण अभियान को बढ़ावा मिल पाए।