Sunday, December 7, 2025
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बिहार के विधानसभा चुनाव में SIR को लेकर हो रहा है विवाद,आखिर क्या है ये SIR ?

आइये जानते है की SIR होता क्या है ?

इन दिनों बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर बड़ी गर्माहट है। वही दूसरी तरफ चुनाव आयोग ने SIR को लागु किया है ,जिसके वजह से विपक्ष में काफी खलबली मची हुई है। और वे इसका जमकर इसका विरोध भी कर रहे है। SIR यानी Special Summary Revision या Special Intensive Revision — यह चुनाव आयोग की विशेष प्रक्रिया है जिसका उद्देश्य मतदाता सूची को अद्यतन (update) करना होता है। इसमें पुराने, मृत, स्थानांतरित या फर्जी नामों को हटाया जाता है और नए योग्य मतदाताओं को जोड़ा जाता है।बिहार में 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग मतदाता सूची को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाना चाहता है। ताकि एक भी फर्जी वोट न डाले जाएं और हर वैध मतदाता को मतदान का अधिकार मिल सके।यह प्रक्रिया 2024 के मध्य से लेकर 2025 के आरंभ तक चल रही है, ताकि चुनाव से पहले अंतिम मतदाता सूची तैयार हो जाए। हर साल यह प्रक्रिया एक निर्धारित शेड्यूल के तहत होती है।SIR प्रक्रिया पूरे बिहार राज्य में लागू की जा रही है। हर विधानसभा क्षेत्र में बीएलओ (Booth Level Officer) घर-घर जाकर सत्यापन कर रहे हैं।

बिहार में एसआईआर मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपने जवाब में आयोग ने कहा कि वह मतदाता सूची से फर्जी मतदाताओं को हटाने की अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी निभा रहा है, जिससे मतदाताओं को कोई दिक्कत नहीं है।वहीं, आयोग ने कोर्ट में बिहार में मतदाता सूची के लिए आधार कार्ड , मतदाता पहचान पत्र और राशन कार्ड को वैध दस्तावेज मानने के सर्वोच्च न्यायालय के प्रथम दृष्टया मत से असहमति जताई। चुनाव आयोग ने न्यायालय से कहा कि इन पर भरोसा नहीं किया जा सकता।

इतना विवाद क्यों ?

राजनीतिक गर्मी के बीच अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या SIR प्रक्रिया चुनाव से पहले एक चुनावी मुद्दा बन जाएगी। विपक्ष इसे “जनता की आवाज़ को दबाने की कोशिश” बता रहा है, तो सरकार इसे लोकतंत्र को मजबूत करने की कवायद करार दे रही है।बिहार में चुनावी बिगुल बजने से पहले SIR को लेकर यह खींचतान और तीखी होती जा रही है। राजद और कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों का दावा है कि इस प्रक्रिया के जरिए चुनिंदा समुदायों और वर्गों के मतदाताओं को जानबूझकर सूची से हटाया जा रहा है। कई इलाकों से ऐसे मामलों की रिपोर्ट भी सामने आई है जहां लोगों का नाम बिना किसी पूर्व सूचना के मतदाता सूची से गायब पाया गया।देखना यह है कि अंतिम मतदाता सूची सामने आने तक यह सियासी घमासान किस मोड़ पर पहुंचेगा।

अगर किसी व्यक्ति का नाम SIR (Special Intensive Revision) की मतदाता सूची में नहीं है, तो उसे घबराने की जरूरत नहीं है। चुनाव आयोग ने इसके लिए सुधार और नया नाम जोड़ने की प्रक्रिया तय कर रखी है।

STEP 1

Form-6 भरना होगा (नाम जुड़वाने के लिए)
Form-6 वही फॉर्म है जिसके जरिए कोई व्यक्ति मतदाता सूची में नया नाम जोड़ सकता है।
यह फॉर्म ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से भरा जा सकता है।

STEP 2

जरूरी दस्तावेज देने होंगे:
आधार कार्ड / राशन कार्ड / जन्मतिथि प्रमाणपत्र / पते का प्रमाण
इन दस्तावेजों की कॉपी फॉर्म के साथ लगानी होगी।

STEP 3

कहां जमा करें?
फॉर्म और दस्तावेज अपने क्षेत्र के Booth Level Officer (BLO) को दें।
या आप इसे ऑनलाइन पोर्टल पर भी जमा कर सकते हैं:
https://voters.eci.gov.in/
या Voter Helpline App डाउनलोड करके भी आवेदन कर सकते हैं।

STEP 4

सत्यापन होगा:
BLO आपके पते और दस्तावेजों की सत्यापन जांच करेगा।
जांच पूरी होने के बाद आपका नाम अगले ड्राफ्ट या अंतिम मतदाता सूची में जोड़ा जाएगा।

STEP 5

अंतिम तिथि का ध्यान रखें:
SIR के तहत आवेदन करने की अंतिम तिथि होती है।
यह तारीख हर जिले में थोड़ी अलग हो सकती है, इसलिए स्थानीय चुनाव कार्यालय या बीएलओ से जानकारी जरूर लें।

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