Saturday, November 23, 2024
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ऑल ओडिशा टैक्स एडवोकेट्स एसोसिएशन ने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को मिला कानूनी नोटिस

नई दिल्ली: ऑल ओडिशा टैक्स एडवोकेट्स एसोसिएशन (AOTAA) ने असेसमेंट ईयर 2021-2022 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने की समयसीमा नहीं बढ़ाने को लेकर सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर टैक्स ( CBDT) को कानूनी नोटिस भेजा है। AOTAA ने कहा कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के नए पोर्टल में तमाम तकनीकी खामियों के बावजूद CBDT ने आईटीआर भरने की तारीख नहीं बढ़ाई और अब वह देर से आईटीआर भरने वाले ओडिशा के टैक्सपेयर्स पर इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 234F के तहत जुर्माना लगा रहा है।

इकनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, AOTAA ने सीबीडीटी को भेजे अपने कानूनी नोटिस में कहा है, “कृपया ध्यान दें कि इस लेटर के मिलने के बाद अगर आपके कार्यालय ने आयकर रिटर्न दाखिल करने के साथ-साथ टैक्स ऑडिट रिपोर्ट की समयसीमा बढ़ाकर 31 मार्च 2022 तक नहीं की, तो हमारी एसोसिएशन को आपके खिलाफ ओडिशा हाईकोर्ट में जनहित याचिका (PIL) दाखिल करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा। समयसीमा बढ़ाने के साथ ही आपको 31 दिसंबर के बाद आईटीआर भरने वाले सभी टैक्सपेयर्स से लिए गए लेट फीस को भी वापस करने के लिए कहा जाता है।”

कानूनी नोटिस के अनुसार, “इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का पुराना पोर्टल बिना किसी खामी के अच्छे तरीके से काम कर रहा था और वह यूजर फ्रेंडली भी था। हालांकि इसके बावजूद वित्त मंत्रालय ने इंफोसिस लिमिटेड को असेसमेंट ईयर 2021-22 से एक नया पोर्टल विकसित करने की जिम्मेदारी दी। साथ ही माननीय हाई कोर्ट के पूर्व के निर्देशों के अनुसार CBDT समय पर पोर्टल में रिटर्न फॉर्म की स्कीम अपलोड करने में विफल रहा।”

बता दें कि इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर 2021 थी, जिसे सरकार ने आगे नहीं बढ़ाया। हालांकि इसके पहले सरकार ने जुलाई 2021 और सितंबर 2021 में दो बार इसकी समयसीमा बढ़ाई थी। हालांकि इसके बावजूद नए ई-फाइलिंग पोर्टल पर कई तकनीकी गड़बड़ियों के चलते कई टैक्सपेयर्स समय पर अपना आईटीआर नहीं भर पाए।

AOTAA ने कानूनी नोटिस में कहा, “यह नया पोर्टल इस तरह डिजाइन किया गया है कि यह रिटर्न भरने और उसे अपलोड करने में अधिकतम समय लेता है। कई मौकों पर ITR फॉर्म भरने दौरान बीच में ही पोर्टल अटक जाता था, जिससे टैक्सपेयर्स को भारी असुविधा हुई और 31 दिसंबर तक उन्हें और दूसरे टैक्स प्रोफेशनल्स को फार्मों को दाखिल करने में बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।”

 

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