कोलकाता, 29 जनवरी, 2024: पश्चिम बंगाल कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन इस राज्य में कोल्ड स्टोरेज का एकमात्र सक्रिय एसोसिएशन है। इस एसोसिएशन की ओर से सोमवार को कोलकाता के साल्टलेक में “द आलमंड” में 59वीं वार्षिक सभा का आयोजन किया गया। जिसका उद्घाटन मुख्य अतिथि श्री बेचराम मन्ना (माननीय एमआईसी, कृषि विपणन विभाग, पश्चिम बंगाल सरकार), डॉ. प्रदीप कुमार मजूमदार (माननीय एमआईसी पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, पश्चिम बंगाल सरकार) ने किया। इसके अलावा इसमें शामिल होनेवाले अन्य गणमान्य अधिकारियों में श्री. अशोक कुमार दास (विशेष सचिव, कृषि विपणन विभाग, पश्चिम बंगाल सरकार), पश्चिम बंगाल कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री राजेश कुमार बंसल, पश्चिम बंगाल कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन के उपाध्यक्ष श्री सुनील कुमार राणा, डब्ल्यूबीसीएसए के पूर्व अध्यक्ष श्री पतित पबन दे के साथ समाज की कई अन्य प्रतिष्ठित हस्तियां इस दौरान मौजूद थे।
इस अवसर पर पश्चिम बंगाल कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री राजेश कुमार बंसल ने कहा, आलू उत्पादकों में काफी उत्साह देखा जा रहा है। चालू सीजन में लगभग 4.6 लाख हेक्टेयर भूमि पर आलू की खेती की गई है। उन्होंने चालू सीजन में लगभग 110 लाख टन आलू का उत्पादन होने का अनुमान लगाया।
पश्चिम बंगाल में घरेलू खपत 65 लाख टन है, शेष स्टॉक को अन्य राज्यों में सप्लाई करने पर विचार किया जा सकता है। बाजार में आलू की स्थिर कीमत और नियमित आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने अधिकारियों से अनलोडिंग अवधि के दौरान हर महीने 12% की एक समान दर पर संग्रहीत स्टॉक को जारी करने के लिए एक प्रणाली तैयार करने का अनुरोध किया।
उन्होंने आलू उत्पादक राज्यों में कोल्ड स्टोरेज का किराया वह के यातायात किराए के बराबर बढ़ाने की मांग की। जहां वर्तमान दर 230/- रुपये से 270/- रुपये प्रति क्विंटल है। उन्होंने उल्लेख किया कि विशेषज्ञ समिति द्वारा दक्षिण और उत्तर बंगाल के लिए कोल्ड स्टोरेज किराया क्रमश: 190 रुपये और 194 रुपये करने की सिफारिश के बावजूद सरकार अब तक कोल्ड स्टोरेज किराया संशोधित नहीं कर सकी है। उन्होंने आशंका जताई कि आगामी सीज़न में कोल्ड स्टोरेज के संचालन में इससे बाधा आ सकती है, क्योंकि स्टोर मालिक वर्तमान किराया संरचना के साथ अपनी इकाइयों को संचालित करने के इच्छुक अब नहीं रह गए हैं। इसके अलावा, यह सुझाव दिया गया कि कोल्ड स्टोरेज किराए की गणना 100% भंडारण क्षमता के बजाय 85% भंडारण क्षमता पर आधारित होनी चाहिए क्योंकि 100% क्षमता का उपयोग शायद ही कभी किया जाता है।
इस सभा के जरिए यह भी सुझाव दिया गया कि कोल्ड स्टोरेज अधिनियम 1966 की समीक्षा पर चर्चा में इन मुद्दों को शामिल होना चाहिए:
• भंडारण योग्य आलू की गुणवत्ता के प्रति इसे किराये पर लेने वालों का कर्तव्य.
• भंडारण सत्र की समाप्ति के बाद भंडार इकाइयों में बचे आलू के स्टॉक के निपटारे के प्रति इसकी प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाएगा।
• कोल्ड स्टोरेज लाइसेंस की वैधता पांच साल तक बढ़ाई जाए।
• संयंत्र को चलाने के लिए कोल्ड स्टोरेज चैम्बर में न्यूनतम मात्रा में स्टॉक को उपलब्ध कराया जाए।
उन्होंने इस सभा के दौरान राज्य में उद्योग के अनुकूल कारोबारी माहौल और इससे जुड़े नियमों के सरलीकरण और विनियमों, समयबद्ध कार्यों, व्यवसाय के संचालन से संबंधित मुद्दों के निष्पक्ष और तार्किक निपटान पर विशेष जोर दिया।