ज़ोया अख्तर हिन्दी फिल्म इंडस्ट्री की एक जानी मानी शख्सियत हैं जिन्हें एक दूरदर्शी निर्देशक के रूप में उनके असाधारण काम के लिए प्यार और सरहाना मिली है। जोया नए जमाने के नए लोगों की नब्ज भी खूब समझती हैं जिसकी झलक उनकी बनाई फिल्म जिंदगी ना मिलेगी दोबारा (ZNMD) में देखने मिली। इस फिल्म ने न सिर्फ बॉक्स ऑफिस सफलता हासिल की, बल्कि टाइमलेस क्लासिक फिल्मों की लिस्ट में शुमार हो गई जिसे आज भी लोग देखना पसंद करते है। प्रतिभाशाली रीमा कागती और फरहान अख्तर के साथ मिलकर जोया अख्तर ने एक ऐसी फिल्म लिखी जिसने एंटरटेन किया, प्रभावित किया और दिलों में बस गई।
वैसे ज़ोया अख्तर और रीमा कागती को ऐसा कंटेंट बनाने के लिए जाना जाता है जो टिपिकल बॉलीवुड फॉर्मूले से परे होता है। उनकी फिल्में न केवल कमर्शियल रूप से सफल होती हैं, बल्कि सार्थक कहानियां भी पेश करती हैं और दर्शकों को रोमांचक तरीके से बांधे रखती हैं। ZNMD, खासकर के, एंटरटेनमेंट और कंटेंट के अनूठे मेल की मिसाल देता है। यह तीन दोस्तों के जीवन को एक्सप्लोर करती है जो एक जीवन बदलने वाली रोड ट्रिप पर निकलते है, अपने रिश्तों के सार, व्यक्तिगत विकास और जीवन को पूरी तरह से जीने की सुंदरता को दर्शाते हैं। इस फिल्म में जिस तरह से दोस्ती को दर्शाया गया है, उससे लोगों ने रेसोनेट किया और जिससे ये मॉर्डन जमाने के लोगों की भी फेवरेट बन गई।
ZNMD की सफलता को परिभाषित करने वाली वजहों में से एक फिल्म की शानदार कास्टिंग भी है। इस फिल्म में ऋतिक रोशन, फरहान अख्तर और अभय देयोल हैं, जिन्होंने अपनी अपार प्रतिभा का प्रदर्शन किया और अपने-अपने किरदारों को एकदम रियल बना दिया। स्क्रीन पर उनकी केमिस्ट्री देखने लायक थी, जो दोस्ती और भाईचारे की बारीकियों को सहजता से जाहिर करती थी। इसके अलावा, ज़ोया और रीमा की अपने कास्ट और क्रू की क्रिएटिव क्षमता का उपयोग करने की विशेषज्ञता ने उन्हें एक ऐसा ग्रुप को तैयार करने में मदद किया जिसने फिल्म में जान फूंक दी।
ये फिल्म दोस्तों के लिए एक मजेदार रोड ट्रिप का आइडिया जैसा बन गया, जो वैसे तो अभी भी कई फ्रेंड ग्रुप्स की बकेट लिस्ट में है, लेकिन जोया अख्तर के निर्देशन का सबसे अच्छा हिस्सा कहानी में वास्तविकता है, जो धीरे-धीरे सामने आती है और वास्तव में प्रभाव छोड़ने में सफल होती है। ZNMD की तरह, इसमें धोखे, मांफी, सपोर्ट, प्यार और झगड़े सहित असली दोस्ती को बेस्ट तरीके से दर्शाया था, जो इसे एक रिलेटेबल क्लासिक बनाता है।
बता दें, 2015 में, ज़ोया अख्तर और रीमा कागती आधिकारिक तौर पर टाइगर बेबी प्रोडक्शंस के बैनर तले फिल्म निर्माता के रूप में एक साथ आई, एक वेंचर जो असाधारण कंटेंट देने का दूसरा नाम बन गया है। उनके प्रोडक्शन हाउस ने भारतीय सिनेमा में सीमाओं को पार करना और पारंपरिक कहानियों को चुनौती देना जारी रखा है। अपने सभी शानदार परियोजनाओं जैसे ‘मेड इन हेवन’, ‘दंगल’, ‘लस्ट स्टोरीज’, ‘घोस्ट स्टोरीज’ और कई और के साथ, टाइगर बेबी ने विविध और प्रेरक कहानियों को सुनाने के लिए अपनी कमिटमेंट शो की है, जिसमें टैबू माने जाने वाले विषयों की भी खोज की गई है। दमदार कंटेंट को तैयार करने के प्रति ज़ोया और रीमा के अटूट समर्पण ने उन्हें इंडस्ट्री में सबसे आगे खड़ा कर दिया है और यह दर्शकों के प्यार से झलकता है।