Wednesday, November 6, 2024
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सरना धर्म कोड की मांग को लेकर आदिवासी सेंगेल अभियान की बैठक

विष्णुगढ़: आदिवासी सेंगेल अभियान की बैठक प्रखंड के आदिवासी बहुल गांव केन्दुआ गांव में हुई। इसकी अध्यक्षता प्रभु हांसदा ने की। संचालन बहाराम हांसदा ने किया। बैठक में बतौर मुख्य अतिथि आदिवासी सेंगेल अभियान के प्रदेश अध्यक्ष देवनारायण मुर्मू मौजूद थे। मुख्य अतिथि ने कहा कि आज आदिवासियों का अस्तित्व संकट में है। आदिवासियों की भाषा, जमीन, संस्कृति, धोरोम, आबादी, रोजगार आदि के अस्तित्व पर भी संकट है। इसे बचाना जरूरी है। कहा कि आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व सांसद सालखन मुर्मू के नेतृत्व में इसे अस्तित्व में बचाए रखने का संघर्ष चल रहा है।

राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त व आदिवासियों की मूल संताली भाषा को झारखंड में प्रथम राजभाषा का दर्जा दिलाना है। इसके लिए आगामी 30 अप्रैल को रांची के मोरहाबादी मैदान में आयोजित रैली में शामिल होना है। प्रकृति पूजक आदिवासियों के सरना धर्म कोड की मांग के लिए 30 जून को दिल्ली में कार्यक्रम निर्धारित है। इसकी सफलता के लिए भारत के पांच आदिवासी बहुल प्रदेश बिहार, पश्चिम बंगाल, असम, उड़ीसा तथा झारखंड में जन जागरण अभियान चलाया जा रहा है।

हजारीबाग जिला में जन जागरण अभियान को गति देने के लिए जिला कमेटी का गठन किया गया। जिसमें हजारीबाग जिलाध्यक्ष बहाराम हांसदा, मांझी परगना मंडवा अध्यक्ष बहाराम मरांडी को मनोनीत किया गया। इसके अलावा विष्णुगढ़ प्रखंड अध्यक्ष लखीराम बेसरा तथा संयोजक शनिचर सोरेन चयनित किए गए।

मौके पर बोकारो जिला संयोजक गोपीनाथ मुर्मू, राम प्रसाद सोरेन, रमेश मरांडी, शीतल मरांडी, जगदीश मुर्मू, उमेश सोरेन, लखन हेम्ब्रम, बजून मुर्मू, अरविंद मरांडी, मायू देवी, दुलारी देवी, शांति देवी, मंजू देवी समेत कई लोग मौजूद थे।

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