वैसे तो भोजपुरी फ़िल्म इंडस्ट्री में मसाला फिल्मों का चलन ही अधिकतर रहा है,और लोग यहां एक्सपेरिमेंट करने से डरते हैं लेकिन फ़िल्म रोटी अपने ट्रेलर में ही इस परिपाटी को तोड़ते हुए नज़र आ रही है । फ़िल्म निर्माता धीरेंद्र कुमार झ गीता तिवारी प्रोडकशन की टीम ने एक बेहद ही संवेदनशील मुद्दे को छेड़ते हुए समाजिक ताने बाने को मध्य में रखते हुए फ़िल्म रोटी का निर्माण किया है। जिसका ट्रेलर आज रिलीज किया गया है । हो सकता है कि फ़िल्म रिलीज के समय इसके कंटेंट को लेकर विवाद की स्थिति भी बन सकती है क्योंकि 3 मिनट के ट्रेलर में ही कई बार ऊंच नीच , संविधान प्रदत अधिकारों और छुआछूत को भी इस फ़िल्म में प्रमुखता से दिखाया गया है । जो सम्भवतः कुछ लोगों को पसंद ना भी आए ।
बेहद ही संवेदनशील मुद्दे पर आजकल फ़िल्म बनाने से लोग बचते फिर रहे हैं ऐसे में फ़िल्म निर्माता धीरेंद्र कुमार झा की जीवटता का लोहा मानना पड़ेगा,क्योंकि उन्होंने लीक से हटकर भोजपुरी में रोटी के साथ एक जबरदस्त प्रयोग किया है। और वो भी ऐसा प्रयोग जिसमे सीधे छुआछूत और जातिगत विद्वेष को प्रमुखता से फिल्माया गया है । फ़िल्म की सफलता और असफलता तो आने वाले समय मे पता चलेगी , मगर १९७० के दशक की कहानी को आधार बनाकर जो फ़िल्म बनाई गई है वो वाक़ई काबिले तारीफ़ है। जाति पाति की गहरी खाई और उसपर बड़े जमींदारों का वर्चस्ववादी रवैय्या आपको इस फ़िल्म में बखूबी देखने को मिलेगा।
मधु मंजुल आर्ट्स और गीता तिवारी प्रोडक्शन के बैनर तले बनी फ़िल्म “रोटी’ के निर्माता हैं धीरेंद्र कुमार झा है । वहीं फ़िल्म रोटी का निर्देशन धीरेंद्र कुमार झा ने स्वयं किया है । फ़िल्म में गीत संगीत मुन्ना दुबे का है वहीं इस फ़िल्म के कार्यकारी निर्माता हैं महेश उपाध्याय। फ़िल्म रोटी के स्टारकास्ट की बात करें तो फ़िल्म में कुणाल तिवारी,काजल यादव, अमित शुक्ला, सोनालिका प्रसाद , प्रकाश जैश, सोनिया मिश्रा,देवेंद्र पाठक व उमाकांत राय ने अपने अपने अभिनय से रोटी की कीमत बताने की कोशिश किया है । प्रचारक संजय भूषण पटियाला है।