पद्मश्री विभूषित सद्गुरु ब्रह्मेशानंदाचार्य स्वामीजीं के दिव्य मार्गदर्शन में हजारों हिंदूधर्माभिमानीओं द्वारा “श्रावणी” पर्वपर यज्ञोपवीत धारण विधी प्रारम्भित हुआ।
30 अगस्त, 2023, गोवा – आज गोवा के तपोभूमि गुरुपीठ ने एक नया इतिहास रच दिया। पद्मश्री विभूषित सद्गुरु ब्रह्मेशानंदाचार्य स्वामीजीं के दिव्य मार्गदर्शन में हजारों हिंदूधर्माभिमानीओं द्वारा “श्रावणी” पर्वपर यज्ञोपवीत धारण विधी प्रारम्भ हुई। यह एक अविश्वसनीय दृश्य था, जहां हजारों लोग एक साथ यज्ञोपवीत धारण करते हुए दिख रहे थे।
सद्गुरु ब्रह्मेशानंदाचार्य स्वामीजीं ने अपने संबोधन में कहा कि यज्ञोपवीत धारण करना एक महत्वपूर्ण संस्कार है, जो हमें जीवन के चार पुरुषार्थों, धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति में मदद करता है। उन्होंने कहा कि यज्ञोपवीत धारण करने वाले व्यक्ति को जीवन में हमेशा सच्चाई, न्याय और करुणा का पालन करना चाहिए।
यज्ञोपवीत धारण विधीन में, गुरुजी ने पहले सभी यज्ञोपवीत धारियों को मंत्रोच्चार के साथ यज्ञोपवीत धारण करवाया। इसके बाद, उन्होंने सभी को यज्ञोपवीत के महत्व और उसके पालन के नियमों के बारे में बताया।
यज्ञोपवीत धारण विधीन में शामिल होने वाले लोगों ने कहा कि यह उनके लिए एक अविस्मरणीय अनुभव था। उन्होंने कहा कि वे सद्गुरु ब्रह्मेशानंदाचार्य स्वामीजीं के आशीर्वाद से अपने जीवन में सच्चे हिंदू बनने का प्रयास करेंगे।
यज्ञोपवीत धारण विधीन एक ऐतिहासिक घटना थी, जिसने गोवा के हिंदू धर्म के इतिहास में एक नया अध्याय लिख दिया है।