Friday, September 20, 2024
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स्वामी विवेकानंद भारतीय युवाओं के आदर्श हैं: सिकंदर प्रसाद कुशवाहा

शिवपुर गडलाही स्थित रेन्बो स्कूल के निदेशक सिकन्दर प्रसाद कुशवाहा ने स्वामी विवेकानन्द की 159 वी जयंती पर छात्र, छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि आज के युवाओं को स्वामी विवेकानंद से प्रेरणा लेनी चाहिए। सभी को अपने लक्ष्य निर्धारित कर आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने विवेकानंद को रोल मॉडल बताते हुए कहा कि हर साल 12 जनवरी को स्‍वामी विवेकानंद की जयंती मनाई जाती है। यह दिन देश के उन युवाओं को समर्पित किया जाता है, जो भारत के लिए एक स्वस्थ और बेहतर भविष्य को आकार देने की क्षमता रखते हैं।

स्वामी विवेकानंद का युवाओं से गहरा नाता था, इसलिए उनके जन्‍म दिवस को युवाओं के लिए समर्पित किया गया है। इस दिन को राष्ट्रीय युवा दिवस भी कहा जाता है। उनके जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता में हुआ था।  इनका असली नाम नरेन्द्रनाथ दत्त था। वे वेदांत के विख्यात और प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरु थे। 25 साल की उम्र में विवेकानंद ने सांसारिक मोह माया त्याग दी थी और संन्यासी बन गए। 1881 में विवेकानंद की मुलाकात रामकृष्ण परमहंस से हुई जिसके बाद वे पूरे विश्‍व में दार्शनिक और विचारक के तौर पर लोगों को प्रेरित करने लगे।

विवेकानंद को धर्म, दर्शन, इतिहास, कला, सामाजिक विज्ञान, साहित्य का ज्ञान था।शिक्षा में निपुण होने के साथ-साथ वे भारतीय शास्त्रीय संगीत का भी ज्ञान रखते थे। उनके जन्मदिन के दिन राष्ट्रीय युवा दिवस मनाने का मुख्य लक्ष्य भारत के युवाओं के बीच स्वामी विवेकानंद के आदर्शों और विचारों के महत्व का प्रसार करना है। स्वामी विवेकानंद एक महान समाज सुधारक, दार्शनिक और विचारक थे। वह देश भर के सभी युवाओं के लिए प्रेरणा थे। उनकी शिक्षा एवं आदर्शों को भारतीय युवाओं के लिए रोल मॉडल के रूप में पेश किया जाता है।

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