Saturday, November 23, 2024
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सूर्य नमस्कार शारीरिक और मानसिक विकास के लिए अति आवश्यक है: प्राचार्य, डीएवी स्कूल

Dainik Bharat: आजादी के 75 वीं वर्षगांठ के शुभ अवसर पर आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत दो दिवसीय सूर्य नमस्कार कार्यक्रम का आयोजन डीएवी पब्लिक स्कूल बरही मे पूरे उत्साह के साथ किया गया। सीबीएसई के द्वारा निर्देशित और संचालित सभी विद्यालयों में आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत सूर्य नमस्कार कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

इस कार्यक्रम का उद्देश्य सभी बच्चों और शिक्षकों के बीच योग के महत्व को स्थापित करना है। विद्यालय में दो दिवसीय योग कार्यक्रम में विद्यालय के खेल शिक्षक रविंद्र कुमार पांडेय, राजेश कुमार सिंह और योग शिक्षक राजेश कुमार के द्वारा सभी बच्चों को ऑनलाइन तथा शिक्षकों को ऑफलाइन सूर्य नमस्कार, कपालभाति, अनुलोम विलोम, भ्रामरी, ताड़ासन, वृक्षासन, भुजंगासन, शवासन जैसे विभिन्न प्रकार के आसनों का अभ्यास करवाया गया। साथ ही साथ इन आसनों के द्वारा होने वाले फायदों के बारे में भी विस्तार से बताया गया।

इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य अशोक कुमार सिंह ने कहा कि योग हमारे शरीर को अंदरूनी शक्ति प्रदान करता है। साथ ही साथ हमारे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता का भी विकास करता है। वर्तमान के इस कोरोनावायरस के दौर में योग सभी को इस महामारी से दूर रखने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने बच्चों, उनके अभिभावकों तथा शिक्षकों से आग्रह किया कि वे योग को अपने जीवन में आत्मसात कर ले, क्योंकि योग के द्वारा हम अपने शरीर को स्वस्थ तथा मस्तिष्क को सक्रिय रख सकते हैं। उन्होंने कहा कि दिन में आधे घंटे का योग सुबह शाम करने से हम तंदुरुस्त तो रहेंगे साथ ही साथ किसी भी प्रकार की बीमारी को भी अपने से दूर रख पाएंगे।

कोरोना महामारी को देखते हुए पूरा कार्यक्रम बच्चों के लिए ऑनलाइन संपन्न हुआ। प्राचार्य महोदय ने कहा कि योग जीवन का वह दर्शन है जो मनुष्य को उसके आत्मा से जोड़ता है। यह हमारे भीतर नकारात्मकता के भाव को दूर कर सकारात्मकता का भाव भरता है। योग शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक शक्ति का स्रोत भी है जिसकी उत्पत्ति भारत में हुई है। वर्तमान हालात को देखें तो जिनके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है उन्हें ही कोरोना अपना शिकार बनाता है। इसलिए योग हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर हमें निरोगी रखने में सहायक है। प्राचार्य महोदय ने सबों को यह शपथ दिलवाई कि वे अपने जीवन में योग को शामिल करेंगे तथा दूसरों को भी इसे अपनाने के लिए प्रेरित करेंगे। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्यालय के सभी शिक्षक व शिक्षिकाओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

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