चंदवारा थाना क्षेत्र के माथाडीह की एक महिला ने सीएसपी संचालक जगवीर वर्णवाल पर फर्जी तरीके से रुपये निकलने का आरोप लगाते हुए प्रखण्ड विकास पदाधिकारी को आवेदन दिया। आवेदन में महिला ने कहा है कि मैं 22 जनवरी को चंदवारा चौक स्थित भारतीय स्टेट बैंक, ग्राहक सेवा केंद्र में अपने खाता संख्या 11658683168 से पैसा निकालने आधार कार्ड ले कर गयी, जहां सीएसपी संचालक के द्वारा 10,000 का निकासी कर दिया गया।
पुनः गुरुवार को मैं पैसा निकालने गयीं तो ग्राहक सेवा केंद्र बन्द था, उसके बाद मैं पैसा निकालने बैंक गयी, बैंक जा कर मैं निकासी के लिए 20,000 का निकासी फॉर्म भर कर बैंककर्मी को दी। बैंककर्मी के द्वारा कहा गया कि आपके खाते में ग्यारह हजार सैंतीस रुपये है। यह सुन कर मैं परेशान हो गयी, मैंने बैंककर्मी से कहा कि मेरे खाते में इक्कीस हजार सैंतीस रुपया है। मेरी परेशानी देखकर बैंककर्मी ने पासबुक को अपडेट करने के बाद बताया कि 22 जनवरी को दस दस हजार रुपये करके दो बार निकासी किया गया। मैं दो दिनों से सीएसपी का चक्कर लगा रही हूँ, सीएसपी दो दिनों से बंद है। महिला ने सीएसपी संचालक पर उचित कार्रवाई करतें हुए सीएसपी रदद् करने की मांग की है।
वही इस मामले को लेकर प्रखंड विकास पदाधिकारी संजय कुमार यादव ने कहां की इस मामले को लेकर महिला ने हमे आवेदन दिया है, आवेदन को संज्ञान में ले लिया गया है, मामले की जाँच कर नियम संगत उस पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
वही सीएसपी संचालक जगवीर वर्णवाल का कहना है कि महिला को बीस हजार रुपया की जरूरत थी और मेरे पास उस समय बीस हजार रुपया नही था इसलिए दस-दस हजार की दो बार निकासी कर ली और उक्त महिला को दस हजार रुपया देकर, शेष बची दस हजार रुपया दुसरे दिन ले जाने को कहा गया था लेकिन वो महिला आज तक मेरे पास नही आयी।
आखिर सवाल उठता है कि बैंकिंग नियम मे ऐसा भी है क्या कि अंगूठा आज लगा ले और पैसा चार दिन बाद ले के जाए
जहां सरकार एक और डिजिटल इंडिया को बढावा दे रही है और प्रत्येक व्यक्ति को बैंक से जुड़ने के लिए प्रेरित कर रही है वहीं दूसरी ओर बैंक जाने पर लोग ठगी का शिकार हो रहे है। आखिर सरकार का डिजिटल इंडिया के सपनों को सीएसपी संचालकों द्वारा सरकार के सपनों पर पानी फेर रही है।