Sunday, November 17, 2024
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रवि किशन- 1922 का प्रतिशोध चौरी-चौरा हमारा इतिहास ही नहीं बल्कि अंग्रेजों के जुल्म का प्रतिकार भी है

मल्टीटैलेंटेड अभिनेता सह भाजपा सांसद रवि किशन आज की तारीख़ में एक फ़ायरब्रांड नेता के तौर पर भारतीय राजनीतिक पटल पर उभर कर सामने आए हैं। भोजपुरी, हिंदी, मराठी, बंगाली सहित तमाम भारतीय भाषाओं में सैकड़ों फिल्मों में आपने अभिनय का लोहा मनवा चुके रवि किशन एक देशभक्ति से सराबोर नई फ़िल्म लेकर आए हैं। उनकी देशभक्ति से लबरेज़ फिल्म 1922 प्रतिकार चौरी चौरा थियेटर में प्रदर्शन के लिए तैयार है जो आगामी 30 जून को पैन इंडिया एक साथ रिलीज़ की जा रही है। फ़िल्म आज़ादी की लड़ाई के दौरान घटित हुई एक सत्य घटना पर आधारित है जिसका केंद्रबिंदु गोरखपुर के पास स्थित चौरी चौरा स्टेशन है। जहाँ आज़ादी की लड़ाई में हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने एक ब्रिटिश पुलिस चौकी में आग लगा दिया था जिसमें 22 अंग्रेज पुलिस कर्मचारी जिंदा जलकर मर गए थे।

चौरी चौरा में हुए उस ऐतिहासिक घटना के सौ वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में 2022 में इस फ़िल्म का फिल्मांकन उत्तरप्रदेश में ही शुरू कर दिया गया था। अब यह फ़िल्म प्रदर्शन के लिए तैयार है जिसको आगामी 30 जून से थियेटर में देखा जाएगा। आने वाले दिनों में जब ये फ़िल्म थियेटर में प्रदर्शित होगी तब फिल्म “1922 प्रतिकार चौरीचौरा” से बहुत से ऐसे रहस्यों से भी पर्दा उठेगा जिन घटनाओं ने इतिहास के साथ साथ अंग्रेजों से लड़ाई का तरीका भी बदल दिया था, और उसी के दम पर आगे चलकर हिंदुस्तान की आवाम ने अंग्रेजी हुकूमत की चूलें हिला दीं थी।

मुम्बई में एक विशेष मौक़े पर अभिनेता रवि किशन सिलसिलेवार तरीके से बताते हैं कि इस फ़िल्म के दृश्यों को फिल्माना काफी चुनौतीपूर्ण कार्य था, क्योंकि आज से 100 साल पहले हुई घटनाओं को आज की तारीख़ में जीवंत करके पुनः दिखाना अपनेआप में एक बहुत बड़ी चुनौती थी। फ़िल्म के बारे में और बात करते हुए फ़िल्म के निर्माता निर्देशक अभिक भानु ने कहा कि इस फ़िल्म का विषय 100 वर्ष पूर्व की सत्य घटना पर आधारित है जिसे अंग्रेजों ने कांड का नाम दिया था जो कि कांड ना होकर उनके द्वारा किये जा रहे आम भारतीय नागरिकों के ऊपर जुल्म का एक प्रतिकार था और फिर कोई प्रतिकार को कांड का नाम दे तो इसे कैसे सहन किया जा सकता है ?

फिल्म 1922 प्रतिकार चौरी चौरा उत्तरप्रदेश के गोरखपुर, बस्ती, अयोध्या के साथ साथ उस ऐतिहासिक घटना के मूल स्थान चौरी चौरा में भी शूट हुई है। घटना में स्थानीय पुट लाने के लिए क्षेत्रीय कलाकारों और स्थानीय प्रतिभाओं को भी मौक़ा दिया गया है। यह ऐतिहासिक फ़िल्म देश के इतिहास के साथ ही गोरखपुर के लिए भी बेहद खास है। पहली बार इस फ़िल्म के जरिये गोरखपुर के महान विभूतियों के जुझारूपन, जुल्मों सितम ,शोषण व अत्याचार की कहानी के महत्वपुर्ण पहलूओं को दुनिया के सामने लाया जाएगा। वहीं देश की आजादी में गोरखपुर और चौरी चौरा के महत्व को दृढ़तापूर्वक प्रस्तुत किया जाएगा।

सरजू विजन के बैनर तले बनी फ़िल्म 1922 प्रतिकार चौरी चौरा के निर्माता निर्देशक व लेखक हैं अभिक भानु, वहीं इस फ़िल्म 1922 प्रतिकार चौरी चौरा में मुख्य भूमिक में रवि किशन के साथ ममता जेठवानी, अनिल नागरथ,अशोक वोटिया,अनुराधा सिंह आदि कलाकार हैं। फ़िल्म के डीओपी हैं मनोज गुप्ता, इस फ़िल्म को एडिट किया है ए.ड़ी शेखरन ने, फ़िल्म के कार्यकारी निर्माता हैं अतुल पाण्डे, अविनाश गुप्ता व स्वाति वर्मा।

फिल्म के लाइन प्रोड्यूसर हैं विजेंदर अग्रहरी उर्फ मंगल, फ़िल्म में संगीत दिया है शुभांस तिवारी व संजीबा ने, जबकि गीत लिखे हैं अभिक भानु ने जिन्हें सुरों से सजाया है अजय तिवारी, संजीबा व शुभांस तिवारी ने। अविनाश गुप्ता कार्यकारी निर्माता हैं ,फ़िल्म के गीतों को रेड रिबन इंटरटेनमेंट पर रिलीज़ किया जा रहा है। फ़िल्म प्रचारक संजय भूषण पटियाला है।

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