यूँ तो लोकसभा में कुल 543 सदस्य हर 5 साल पर चुनकर आते हैं और उनमें से प्रत्येक में कोई न कोई विशेष बात अवश्य होती है लेकिन अपने पाँच साल के कार्यकाल में हर कोई अपनी पहचान नहीं बना पाता, हर कोई मुखर होकर सवाल नहीं दाग पाता । कई लोग तो संसद में उपस्थिति के मामले में भी फिसड्डी साबित होते हैं , लेकिन इन सब से उलट गोरखपुर सांसद हर दिल अज़ीज रवि किशन ने अपने पिछले 4 साल के कार्यकाल के दौरान सबका ध्यान अपनी ओर आकृष्ट किया है । चाहे वो भोजपूरी भाषा कोआठवीं अनुसूची में शामिल करने की माँग , हो, गोरखपुर में फ़िल्म सिटी बनाने की मांग हो या फिर जनसंख्या नियंत्रण के लिए प्राइवेट बिल लाने का मामला हो , सांसद रवि किशन हर समय दो कदम आगे दिखाई दिए । उन्होंने अपनी मांगों को सत्ता और शासन के सम्मुख काफ़ी बेबाकी से रखे और उसपर प्रधानमंत्री से लेकर लोकसभा अध्यक्ष तक ने इनकी तारीफ किया ।
एक सांसद के तौर पर रवि किशन ने हर सत्र में अपनी उपस्थिति का भी खासा ध्यान रखा है । उनका मानना है कि जितनी भी अधिक संख्या में आप संसद सत्र में उपस्थित रहेंगे उतनी अधिक विकास योजनाओं के बारे में उतना अधिक जन सरोकार के मुद्दों पर चर्चों में शामिल रहेंगे । इस साल हिंदुस्तान टाईम्स द्वारा जारी हुए टॉप 10 सांसदों की सूची में सांसद रवि किशन भी शामिल रहे । उन्होंने विगत चार साल में 482 सवाल करके यह उपलब्द्धि हासिल किए । उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित लोकसभा सीट गोरखपुर से तत्कालीन सांसद और वर्तमान मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के जगह पर भाजपा आलाकमान ने रवि किशन को 2019 में टिकट दिया था, इसका मान रखते हुए रवि किशन भारी मतों से विजयी होकर संसद भवन पहुँचे थे । आज यह सम्मान पाकर वे काफी गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं और इसका श्रेय वे अपने क्षेत्र के जनता जनार्दन को देते हुए कहते हैं कि अभी उन्हें बहुत काम करना है और प्रधानमंत्री के सबका साथ सबका विकास के पैमाने को जमीनी स्तर पर अधिक प्रभावी बनाने के लिए अभी और मेहनत करने की दिशा में वे काम कर रहे हैं ।
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