आगामी 14 फरवरी को बसंत पंचमी के अवसर पर विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा अर्चना को लेकर उनकी प्रतिमा का निर्माण कार्य जोरशोर से हजारीबाग रोड के अफीम कोठी एवं गया रोड भामाशाह के नजदीक कारीगर लगभग एक महीना पूर्व से ही प्रतिमा निर्माण में जुट गए है।
ग्रामीण इलाकों में भी कई जगह प्रतिमा का निर्माण कार्य किया जा रहा है। इनकी पूजा अर्चना सभी शैक्षणिक संस्थानों के साथ – साथ अन्य जगहों पर भी धूमधूम से किया जाता है। ऐसी मान्यता है की इनके आराधना मात्र से ही विद्या की प्राप्ति होती है। विद्या के प्राप्ति अन्य सभी मार्गों का द्वार खोल देता है। इसे लेकर विद्यार्थियों में काफी उत्सुकता देखा जा रहा है।
बेहतर मूर्ति निर्माण को लेकर लोग कारीगरों के पास पहुंच रहे है। इसे लेकर उन्हें एडवांस पैसे भी दिए जा रहे है। मूर्तिकारों को अपने अनुरूप बेहतर मूर्ति बनाने की सलाह भी दे रहे है। मूर्तिकार बरही अफीम कोठी निवासी सुभाष सूत्रधर ने बताया की मूर्ति के लिए कई जगहों से ऑर्डर भी आ चुका है। एक हजार से लेकर बीस हजार तक की मूर्ति का निर्माण किया जा रहा है। हालांकि शैक्षणिक संस्थानों में छोटी मूर्तियां ही ज्यादा पसंद की जाती है। ग्रामीण इलाकों में युवाओं कमेटी गठित कर माता सरस्वती की प्रतिमा स्थापित करते है। इनकी पसंद बड़ी मूर्ति होती है।