Saturday, November 23, 2024
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विख्यात कवि केदारनाथ सिंह ने क्या कहा था डॉ. सागर की कविताओं पर…

‘एक युवा कवि मंच पर आया… उसे पूरे समुदाय (जिसमें अन्य भाषा-भाषी भी थे) ने पूरी तन्ममयता से सुना’ — ‘कब्रिस्तान में पंचायत’ किताब में लेख ‘छोटे शहरों के जीवन की लय’ में कवि केदारनाथ सिंह

डॉ. सागर का जलवा लोगों को उनके छात्र जीवन के समय से ही देखने को मिलता रहा है। एक बार जब वो जेएनयू में एम ए में पढ़ते थे तो वहां एक हिंदी कविता की गोष्ठी आयोजित हुई। कमाल की बात ये है कि डॉ. सागर की भोजपुरी कविता की लोकप्रियता उस समय भी इतनी ज़्यादा थी कि एक हिंदी कविता की गोष्ठी होने के बावजूद संचालक ने उनको मंच पर अपनी कविता सुनाने के लिए बुलाया। जब वो दर्शकों के बीच से उठकर मंच पर आए और अपनी भोजपुरी कविता सुनाने लगे तो लोगों को एक अद्भुत और ऐतिहासिक अनुभव हुआ।

जेएनयू के प्रोफेसर इमेरिटस और कवि केदारनाथ सिंह इतने प्रभावित हुए कि इस घटना पर और डॉ. सागर की सराहना में ‘हिंदुस्तान’ अखबार में एक लेख लिख डाले जो अब उनकी किताब ‘कब्रिस्तान में पंचायत’ में छपे लेख ‘छोटे शहरों के जीवन की लय’ में पढ़ा जा सकता है। उन्होंने लिखा –

 Poet Kedarnath Singh, Dr. Sagar,डॉ. सागर, कवि केदारनाथ सिंह,

“उस अत्याधुनिक विश्वविद्यालय के मंच पर छात्रों के बीच से एक युवा कवि मंच पर आया और पूरी सहजता के साथ एक भोजपुरी कविता पढ़ी। वहां उपस्थित कवियों और अधिकांश श्रोताओं के लिए यह भी एक विलक्षण अनुभव था कि पूरे समुदाय ने (जिनमें से बहुत से अन्य भाषा-भाषी भी थे) उसे अद्भुत तन्मयता के साथ सुना।”

ये चमत्कार कैसे हुआ उसका बयान करते हुए केदारनाथ सिंह कहते हैं, “यह उस, भाषा न समझी जाने वाली बोली की अपनी ताज़गी थी और उसकी अंतर्निहित शक्ति…”

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डॉ. सागर के शब्दों में आज भी वही ताज़गी और ताक़त है जो वो ‘बंबई में का बा’ जैसे भोजपुरी रैप से लेकर सोनी लिव के टॉप रेटिंग वाली सीरीज ‘महारानी -2’ के दिल को छूने वाले भोजपुरी गीत लिख रहे हैं और सुनने वालों के चहेते बने हुए हैं, चाहे वो सुनने वाला भोजपुरी या गैर-भोजपुरी भाषा वाला, या उत्तर या दक्षिण भारत, या फिर पूर्वोत्तर भारत का ही क्यों न हो। सागर के शब्दों का जादू सबका मन मोह रहा है।

अब भोजपुरी को बॉलीवुड की मुख्यधारा में शामिल करवाने में उनकी कोशिश सफल होती नज़र आ रही है। डॉ. सागर ने भोजपुरी को बॉलीवुड की मुख्यधारा में लाने का यह सपना अपनी छठी कक्षा के दौरान ही देखा था। जिसके लिए की गई उनकी मेहनत की तारीफ़ कवि केदारनाथ सिंह जैसे दिग्गज से लेकर अनुभव सिन्हा, मनोज बाजपेयी, अनुराग कश्यप और शत्रुघ्न सिन्हा जैसी फिल्मी हस्तियां करती रही हैं

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