प्रमोद कुमार सिंह, कान्हाचट्टी : सरकार भले ही कोविड 19 को लेकर दिशा निर्देश जारी करती है लेकिन उसका अनुपालन नहीं हो रहा है। सरकार कोविड महामारी को लेकर दिशा निर्देश जारी किया है कि मेला ,हाट एवं बाजार नहीं लगाना है बावजूद कान्हाचट्टी प्रखण्ड में कोल्हैया गांव में बसन्त पंचमी के अवसर पर लगने वाला पशु मेले को लगाकर सरकार के आदेश का धज्जियां उड़ाया जा रहा है और इतना ही नहीं प्रखण्ड प्रशासन, अंचल अधिकारी हुलास महतो, इंस्पेक्टर सुधीर कुमार चौधरी ने मेले में जाकर मेले को खाली कराने का निर्देश तो जरूर दिए लेकिन अंचल अधिकारी और थाना के आदेश को धत्ता बताते हुए मेले को लगाया गया।
प्रशासन ने 24 घण्टे मेला को खाली करने का दिया था आदेश
प्रखण्ड प्रशासन ने दो दिन पूर्व ही मेले में जाकर एलाउंस कर आदेश दिए थे कि 24 घण्टे के अंदर खाली कर दें अन्यथा कोविड 19 के नियमों की अवहेलना के आरोप में मुकदमा दर्ज किया जाएगा। लेकिन आदेश के तीन दिन बाद भी मेले को खाली नहीं किया गया। मेले में जम कर खरीद-बिक्री और बर्तन दुकानों को लगाया गया और भीड़ एकत्रित किया जा रहा है।
कौन है मेले को लगाना वाला ठीकेदार
मेले को चतरा के सैयद साह आफताब अहमद हैं। जिन्होंने मेले को रैयती मेले की हवाला देते हुए गलत तरीक़े से मेला को लगाकर अवैध तरीके से पैसे की उगाही कर रहा है। जिसमे कोल्हैया के भी कुछ ग्रामीण भी शामिल हैं।
पांच-पांच सौ रुपये प्रति जानवर हो रहा है उगाही
मेले में प्रति पशु विक्रेता या क्रेता से पांच-पांच सौ रुपये की उगाही की जा रही हैं। एक पशु क्रेता ने बताया कि जितनी राशि कोल्हैया पशु मेले में ली जा रही है इतना किसी भी मेला में आज तक नहीं लगा था। मेले में केवल लूट मचा हुआ है।
पशु तस्कर हैं मेले में हावी, जिससे मेला के व्यवस्थापक पशु तस्कर से वसूल रहे हैं लिखाई के अलावा पांच-पांच हजार रुपया
पशु तस्कर मेले में हावी हैं, पशु तस्कर मेले से जानवर खरीद कर हंटरगंज के रास्ते गया और उत्तर प्रदेश और बंगाल ले जा रहे हैं। जिसमे मेले का कथित ठीकेदार सैयद शाह आफताब अहमद और कोल्हैया के जो लोग मेले में वसूली कर रहे हैं वो पशु तस्करों से रसीद कटाई पांच सौ के अलावा चार से पांच हजार लेकर पशु तस्करों को पशु को ले जाने में मदद कर रहे हैं।
वर्ष 2020 में पशु तस्करों और कोल्हैया मेले को लेकर हो चुका था विवाद
वर्ष 2020 में कोल्हैया मेले से पशु तस्कर मवेशियों को ले जाने के क्रम में दो समुदायों में विवाद हो गया था जिसमे प्रखण्ड प्रशासन के साथ जिला प्रशासन को भारी फजीहत उठाना पड़ा था। उस समय मेले की अवैध उगाही और मेले लगाने पर रोक लगाया गया था। पशु तस्करी को लेकर पुनः विवाद होने की संभावना बनी रहती है। 2020 में हुए विवाद में दोनो पक्षो से लगभग चालीस लोगों को मुकदमा भी दर्ज हुआ था।
पांच दिन में दस लाख की हुई है अवैध वसूली
मेले को बसन्त पंचमी के अवसर पर लगाया जाता है। माघ द्वितीया से मेला लगाया जाता है और पूर्णिमा तक चलता है। अब तक सात आठ दिन में लगभग दस लाख रुपये की अवैध वशूली मेले से किया जा चुका है।
मेले का पहले होता था सरकारी डाक
कोल्हैया में बसन्त पंचमी के अवसर पर लगने वाला पशु मेला का सरकारि डाक हुआ करता था। लेकिन कुछ वर्ष पूर्व तक नक्सली चरम पर था तो उस समय नक्सलियों के भय से चार पांच वर्ष मेला का टेंडर नहीं हुआ था। जिसमे कुछ दिन बाद न्यू एस पी एम के उग्रवादियों के मिली भगत से सैयद शाह आफताब अहमद ने उगाही किया और आज प्रति वर्ष लाखों रुपये मेले से वसूली कर ले जा रहा हैऔर प्रखण्ड प्रशासन और थाना शांत रहती है।