RTI कार्यकर्ता नरेश पारस ने आरटीआई से रिपोर्ट मांगी है कि मैकेंजी ग्लोबल कंपनी को जो टेंडर द्वारा हायर किया गया था, उस टेंडर के नियम व् शर्तें तथा अवधि का सम्पूर्ण विवरण प्रेषित करें. इस सम्बन्ध में जारी समस्त आदेशों की सत्यापित छायाप्रति प्रेषित करें. उत्तराखंड में कार्यरत कंपनी के सभी कर्मचारी का नाम, मो ० नं० , पद तथा प्रति माह दीये जाने वाले मानदेय (वेतन) का विवरण दें . कंपनी के कार्य शुरू से लेकर अब तक अब तक उत्तराखंड में हुए आर्थिक क्षेत्र में सुधार का विवरण दें.
नरेश यह इसलिए कर रहे है क्यों की यह एक नए घोटाले का अंदेशा है. जानकारी के मुताबिक अमेरिका की मैकेंजी ग्लोबल कंपनी को बड़ा काम दिया है. यह कंपनी उत्तराखंड की जीडीपी को दोगुना करने के लिए सरकार को सलाह देगी जिस पर सरकार द्वारा करोड़ों रुपए खर्च किए जाएंगे. आरटीआई कार्यकर्ता नरेश पारस ने बताया कि इस कार्य के लिए 2.5 लाखों रुपए प्रति दिन का वेतन निर्धारित किया गया है. हालांकि पिछले कुछ महीनों में इसका नतीजा शून्य है.
IAS ऑफिसर रोहित मीणा इस पूरे प्रोजेक्ट को देख रहे हैं. मैकेंजी कंपनी को भी ऑनबोर्ड इन्हीं ने किया है. आरटीआई कार्यकर्ता ने कहा कि “आखिर विदेशी कंपनी को इतनी बड़ी रकम देकर यह कार्य कर देने की आवश्यकता क्या है. मैकेंजी ग्लोबल कंपनी को प्रोजेक्ट शुरू होने के 3 महीने में डिगॉनोस्टिक रिपोर्ट देनी , लेकिन वो अभी तक सबमिट नहीं किया गया है. ये भी सामने आया है मैकेंजी के टीम लीडर किसी और कंपनी के सीईओ भी है”.