Tuesday, December 24, 2024
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मकसूद अंसारी की पुणे में मौत, झारखंडी एकता संघ की मदद से पार्थिव शरीर को पैतृक गांव भेजा गया

गिरिडीह: रोजगार झारखंड प्रदेश में नहीं मिलने के कारण मजबूरन दुसरे राज्य जाने वाले प्रवासी मजदूरों की मौत होने का सिलसिला नहीं थम रहा हैं।

गिरिडीह जिले के बगोदर थाना क्षेत्र के अंतर्गत खेतको पंचायत के निवासी दिवंगत अब्दुल अंसारी के 35 वर्षीय पुत्र मकसूद अंसारी उर्फ पांडे का शनिवार 05/03/2022 को सड़क हादसे में मौत हो गया।

जानकारी के अनुसार मकसूद अंसारी लगभग 3 माह पहले ही रोजगार के तलाश में पुणे आए थे और पुणे में एक निजी कंपनी में ट्रक ड्राइवर के रूप में कार्यरत थे।

मौत की सूचना मिलते ही पूरे गांव में मातम छा गया एवं परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है। मकसूद अंसारी घर के अकेला कमाने वाले व्यक्ति थे, और परिवार का भरन पोषण करते थे।

मृतक अपने पीछे पत्नी मैमुन निशा और दो नन्हे पुत्र शाहिद अंसारी और मुशाहिद अंसारी को पीछे छोड़ गए।

वहीं इस घटना की सूचना मृतक के गांव वालों ने 17 वर्षों से प्रवासी मजदूरों के हितों में कार्य करने वाली संस्था झारखंडी एकता संघ, मुम्बई के राष्ट्रीय अध्यक्ष असलम अंसारी को दिए और शव को गांव भेजने में मदद की अपील की।

संघ के अध्यक्ष असलम अंसारी ने मृतक के परिवार वालों एवं गांव वालों को ढांढस बंधाया और हर संभव मदद का भरोसा दिलाया।

संस्था झारखंड एकता संघ पुणे के सक्रिय सदस्य मिनहाज अंसारी, मुमताज अंसारी, तालेश्वर महतो एवं गांव वालों के सहयोग से कागज़ी प्रक्रिया करा कर पार्थिव शरीर को 05/03/2022 को समय 05:30 PM बजे एंबुलेंस से पैतृक गांव खेतको भेजा गया।

संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष असलम अंसारी, सदरुल शेख़, विनोद प्रसाद, ताज हसन अंसारी, असगर खान, तौफीक अंसारी और संतोष कुमार ने दुःख प्रकट करते हुए कहा कि झारखंड के प्रवासी मजदूरों की मौत के मुंह में समा जाने की यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी कई लोगों की मौत सड़क हादसे में हो चुकी है।

झारखंड सरकार प्रवासी मजदूरों के हित में कुछ पहल नहीं कर पा रही है और मजदूरों का पलायन तेजी से हो रहा है। झारखण्डी एकता संघ मृतक के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करते हुए कहना चाहती है कि संघ अब तक लगभग 236 प्रवासी मजदूरों का डेथ बॉडी गांव झारखंड भेज चुकी है। संस्था झारखंडी एकता संघ 17 वर्षों से प्रवासी कल्याण आयोग के गठन की मांग सरकार से कर रही है। जिससे प्रदेश के बाहर रोजगार के लिए गए मजदूरों का सुरक्षा एवं सहायता मिल सकें।

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