मुंबई। मुंबई के अंबोली पुलिस स्टेशन में अभिषेक मिश्रा और अनिल मिश्रा के खिलाफ दुष्कर्म,यौन उत्पीड़न और 6 करोड़ रुपये की जबरन वसूली के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है। पीड़िता,एक युवा महिला ने आरोप लगाया है कि यह हमला अचानक नहीं हुआ था,बल्कि यह जानबूझकर वर्चस्व स्थापित करने और व्यक्तिगत बदला लेने के लिए किया गया था। इस पूरे मामले में मेल ईगो भी शामिल है।
अभिषेक मिश्रा और अनिल पर गंभीर और गैर जमानती आरोपों के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। इसके तहत धारा 64, 72(2), 76, 77, 79, 115, 351(2), 352, 356 और 3(5) शामिल हैं, जो अपराध की गंभीरता और पूर्व नियोजित स्वभाव को दर्शाती हैं। दरअसल पीड़ित महिला मानसिक रूप से बीमार है और कई महिनों से डर की वजह से वो चुप थी। हालांकि अचानक से स्थिति ठीक होने के बाद उसने साहस दिखाया और दुर्व्यवहार और अपराधी साजिश का खुलासा किया।
बता दें कि इन दोनों के खिलाफ ये कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी मिश्रा परिवार के नाम कई पूर्व आपराधिक इतिहास है। 5 फरवरी 2025 को, उनके खिलाफ बांद्रा पुलिस स्टेशन में पहले ही एफआईआर दर्ज की जा चुकी थी, जिसमें उन्होंने नकली दादासाहेब फाल्के अवार्ड आयोजित किए थे, सरकारी अधिकारियों की नकल की थी, और अशोक स्तंभ के प्रतीक वाले नकली पहचान पत्र बांटे थे, जो स्पष्ट रूप से कानून का उल्लंघन है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनके खिलाफ भारत के विभिन्न शहरों में और भी आपराधिक मामले लंबित हैं।
इस पूरे मामले के बीच पीड़िता ने एक और गंभीर खुलासा किया। पीड़िता ने बताया कि श्वेता मिश्रा जोकि अनिल मिश्रा की बेटी और अभिषेक मिश्रा की बहन हैं ने कथित तौर पर उसे एसिड अटैक की धमकी दी थी। इसके अलावा, श्वेता ने पीड़िता को ट्रेस करने और उसका पीछा करने के लिए नकली जासूस भी लगाए थे, जो इसे डराने-धमकाने और मानसिक उत्पीड़न का मामला बनाता है।
अभिषेक और अनिल मिश्रा के खिलाफ पहले ही लुकआउट नोटिस जारी किया जा चुका है। पीड़िता ने अधिकारियों से तुरंत, निष्पक्ष और सख्त कार्रवाई करने की अपील की है।
महाराष्ट्र, विशेष रूप से मुंबई, महिलाओं के लिए एक सुरक्षित स्थान के रूप में जाना जाता है। यह चौंकानेवाला है कि ऐसे अपराधी यहां खुलेआम घूम रहे हैं।