वे पहले भी 5 अर्बन फोरेस्ट तैयार कर चुके हैं, फिलहाल 21000 सीता अशोक पौधे वितरित कर रहे हैं
गुजरात के जाने-माने पर्यावरणविद् विरल देसाई हीरे की नगरी में 5 सीता अशोक वन विकसित करने की तैयारी कर रहें हैं. इस उपलक्ष्य में उन्होने 21000 सीता अशोक पौधों के वितरण का कार्य आरंभ भी कर दिया है जो 22 जनवरी तक चलेगा. जहां राम मंदिर में रामलला की भव्य प्राण प्रतिष्ठा हो रही है, वहीं पर्यावरण की दृष्टि से वे इसे अनोखे तरीके से मना रहे हैं।
विरल देसाई अपनी पर्यावरण संबंधी गतिविधियों के लिए देशभर में ‘ग्रीनमैन’ के नाम से जाने जाते हैं। अब तक चार लाख पेड़ लगा चुके विरल देसाई ने ‘प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन के खिलाफ सत्याग्रह’ और ‘स्वच्छ भारत हरित भारत’ जैसे लोकप्रिय अभियान भी चलाए हैं।
इस संबंध में विरल देसाई का कहना है कि रामायण में उल्लेख है कि माता सीता लंका में थी तब अशोक वाटिका में इसी वृक्ष के नीचे रहती थीं। आयुर्वेद में भी इस पेड़ का महत्व बताया गया है।
सामान्यतः आसोपालव पेड़ को लोग सीता अशोक मानते हैं। हालाँकि, सीता अशोक वृक्ष का प्रकार और फूल असोपालव वृक्ष से भिन्न होता है।
देसाई का कहना है कि राम राज्य में पर्यावरण का संरक्षण निहित है. पौधा-रोपण की संस्कृति को विकसित करने के लिए श्रीराम ने अपने वन-प्रवास के दिनों में सीता जी व लक्ष्मण जी के साथ विस्तृत पौधारोपण की ओर सकेंत करते हुए कहा कि-तुलसी तरुवर विविध सुहाय। कहुँ कहुँ सिएँ, कहुं लखन लगाये।। अगर पर्यावरण संरक्षण के माध्यम से भगवान श्री राम की पूजा की जाए तो इससे खूबसूरत बात क्या हो सकती है?
उनके हार्ट एट वर्क फाउन्डेशन ने 22 जनवरी को प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर उद्घाटन करें उससे पहले सूरत में 21000 अशोक के पेड़ वितरित करने का कार्य शुरु कर दिया है। उनके इस अभियान को सूरत में जबरदस्त प्रतिक्रिया मिल रही है और लोग बड़ी संख्या में सीता अशोक के पेड़ों का पंजीकरण करा रहे हैं। इसके अलावा विरल देसाई निकट भविष्य में पांच शहरी वनों का निर्माण कर रहे हैं, जिनमें केवल सीता अशोक का पौधारोपण किया जाएगा।
गुजरात के भरूच में जन्मे विरल देसाई पहले भी पांच शहरी वन तैयार कर चुके हैं, जिसमें सूरत के उधना में तैयार शहरी वन ‘शहीद स्मृति वन’ को तत्कालीन मुख्यमंत्री विजयभाई ने वर्ष 2021 के सर्वश्रेष्ठ शहरी वन का पुरस्कार भी दिया है। इसके अलावा उन्होंने ग्रीन उधना रेलवे स्टेशन का डिजाइन तैयार किया है, जिसे इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स द्वारा भारत, एशिया और विश्व के नंबर वन ग्रीन रेलवे स्टेशन के रिकॉर्ड से भी नवाजा गया है। ‘ट्री गणेशा’ के नाम से विरल देसाई के वार्षिक गणेश उत्सव को भी भारी प्रतिक्रिया मिलती है। पिछले दो वर्षों से गुजरात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, सूरत पुलिस और गुजरात वन विभाग भी आधिकारिक तौर पर ‘ट्री गणेशा’ में विरल देसाई के साथ शामिल हो गए हैं।