Wednesday, December 25, 2024
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वायु प्रदूषण का असर: बिना हवन हुआ 251 कुंडीय महायज्ञ, दीप जलाकर हुआ प्रतीकात्मक हवन

नई दिल्ली, 21 नवंबर 2024: द्वारका सेक्टर 8 में अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के मार्गदर्शन में आयोजित किए जा रहे 251 कुंडिय महायज्ञ में अनूठे ढंग से हवन को किया गया l दिल्ली के प्रदूषण को देखते हुए और प्रशासन द्वारा प्रदूषण रोकने के लिए किया जा रहे प्रयासों का समर्थन करते हुए 251 हवन कुंडों में दीप जलाकर प्रतीकात्मक रूप से हवन को किया गया। इस अवसर पर सभी से पर्यावरण के प्रति सचेत रहने का आह्वान किया गया। लोगों को मंच से बार बार पर्यावरणीय खतरों से न केवल आगाह किया गया बल्कि लोगों को अधिक से अधिक पेड़ लगाने के प्रति जाग्रत भी किया।

यज्ञ हमेशा मानव समाज के कल्याण के लिए ही किया जाता है जिसमें कुछ विशेष लकड़ियों को प्रज्वलित किया जाता है। मगर इस बार पर्यावरण को देखते हुए गायत्री विश्व परिवार द्वारा लकड़ियों को पूरी तरह से हवन में प्रतिबंधित कर दिया गया और दीप जलाकर प्रतीकात्मक रूप से आहुतियां दी गई।

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इस हवन कुंड में सम्मिलित होने आए द्वारका के रहने वाले श्री ए एम कुमार ने कहा, वर्तमान समय में दिल्ली का प्रदूषण खतरनाक स्तर पर है । इसलिए 251 कुंडी यज्ञ में मात्र दीपक जलाकर यज्ञ को किया जा रहा है। इससे किसी प्रकार का प्रदूषण भी नहीं होगा और लोग अपनी आस्था के अनुसार श्रद्धापूर्वक अपने अनुष्ठान और धर्म कर्म को पूरा कर सकेंगे। अखिल विश्व गायत्री परिवार (एनसीआर) के सदस्य आलोक द्विवेदी ने कहा गायत्री परिवार का उद्देश्य है सभी के उत्थान के लिए काम करना। इसलिए हमने प्रदुषण को देखते हुए और स्थानीय प्रशासन को समर्थन करते हुए प्रतीकात्मक यज्ञ कर रहे हैं।“

विभिन्न संस्कार भी निःशुल्क सम्पन्न हो रहे हैं,महायज्ञ में यज्ञ के साथ विभिन्न संस्कार भी निःशुल्क सम्पन्न किये जा रहे हैं। जिसमें सभी वर्ग, सम्प्रदाय के लोग शामिल हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि एनसीआर सहित निकटवर्ती अनेक राज्यों के सभी वर्ग से जुड़े बड़ी संख्या में लोग इसमें सम्मिलित हो रहे हैं।

इस भव्य आयोजन में अखिल विश्व गायत्री परिवार के प्रमुखद्वय श्रद्धेय डॉ० प्रणव पंड्या जी, श्रद्धेया शैलदीदी के मार्गदर्शन में हो रहा है। महायज्ञ में सनातन संस्कृति के युवा संवाहक, प्रखर वक्ता युवा आइकॉन डॉ चिन्मय पण्ड्या जी का विशेष उद्बोधन 23 नवम्बर को होगा।

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