हजारीबाग। दामोदर वैली कारपोरेशन यानी डीवीसी द्वारा अब झारखंड के सात जिलों में बिजली की कटौती नहीं की जाएगी। डीवीसी के अध्यक्ष रामनरेश सिंह ने इस बात की शुक्रवार को घोषणा की है। झारखंड सरकार पर करीब 4500 करोड़ रुपए बकाया होने की वजह से डीवीसी की ओर से पिछले कई महीनों से बिजली की कटौती झारखंड के सात जिलों में की जा रही थी। इस कटौती के कारण इन जिलों में कारोबार और उद्योग धंधे बुरी तरह प्रभावित हो रहे थे। बिजली कटौती से लोगों की नाराजगी इस कदर बढ़ गई थी कि लोग अब सड़क पर उतरने की तैयारी कर रहे थे। खुद चेंबर ऑफ कॉमर्स ने बैठक कर आंदोलन की रणनीति भी तैयार कर ली थी।
प्रोजेक्ट भवन में डीवीसी के अधिकारियों के साथ बैठक
झारखंड सरकार ने इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए शुक्रवार को राजधानी रांची के प्रोजेक्ट भवन में डीवीसी के अधिकारियों के साथ बैठक की। इस बैठक में झारखंड सरकार के मंत्री जगरनाथ महतो और वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव मौजूद थे।
इस बैठक में मंत्री ने दो टूक कहा कि बकाया राशि होने के कारण बिजली कटौती से समस्या का समाधान नहीं होने वाला है। बकाया राशि भुगतान पर सरकार गंभीरता से विचार कर रही है। काफी समझाने के बाद डीवीसी के अधिकारियों ने बिजली कटौती शुक्रवार रात 12:00 बजे से नहीं करने का आश्वासन दिया है।
सात जिलों में डीवीसी की ओर से नहीं की जाएगी बिजली की कटौती
डीवीसी के चेयरमैन रामनरेश सिंह ने कहा कि आज रात 12:00 बजे से झारखंड के सात जिलों में डीवीसी की ओर से बिजली की कटौती नहीं की जाएगी। इससे पूर्व सुबह करीब 11.30 बजे से इस समस्या के समाधान के लिए प्रोजेक्ट भवन में बैठक आरंभ हुई। मंत्री जगरनाथ महतो, रामेश्वर उरांव मौजूद, डीवीसी बोर्ड के सारे अधिकारी मौजूद रहे। ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव समेत अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।
डीवीसी कमांड एरिया के सात जिलों में बिजली की करता है आपूर्ति
मालूम हो कि डीवीसी के साथ बकाया भुगतान का विवाद लंबे समय से चला आ रहा है। तीन बार सीधे झारखंड सरकार के आरबीआई खाते से राशि की कटौती हो चुकी है। जानकारी के अनुसार 2800 करोड़ रुपये से अधिक की कटौती हो चुकी है। झारखंड सरकार पर बकाया लगभग 4500 करोड़ रुपये है। डीवीसी कमांड एरिया के सात जिलों में बिजली की आपूर्ति करता है। छह नवंबर से 300 मेगावाट बिजली की कटौती की जा रही थी। करार के मुताबिक 600 मेगावाट बिजली की आपूर्ति करनी है। मंत्री जगरनाथ महतो ने बैठक में डीवीसी के अधिकारियों को स्पष्ट कहा कि बंद करें बिजली की कटौती। उन्होंने बिजली नहीं काटने की नसीहत दी। कहा कि डीवीसी पर झारखंड सरकार का भी 4500 करोड़ का बकाया है। बिजली कटौती से समस्या का समाधान नहीं होगा।
क्या है मामला
डीवीसी छह नवंबर 2021 से 300 मेगावाट बिजली की कटौती कर रहा है। कमांड एरिया के सात जिलों कोडरमा, चतरा, हजारीबाग, रामगढ़, बोकारो, गिरिडीह और धनबाद में कटौती किया जा रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार बकाया भुगतान नहीं होने करने के कारण बिजली की कटौती हो रहा है। इसका असर कमांड एरिया में औद्योगिक इकाइयों पर पड़ने लगा है। इसी मामले को लेकर आज मंत्री जगरनाथ महतो ने आज बैठक बुलाई है।
डीवीसी द्वारा बिजली कटौती को लेकर चेंबर आफ कामर्स कल की थी बैठक
डीवीसी द्वारा पिछले तीन महीने से किए जा रहे बिजली कटौती को लेकर गुरुवार को रामगढ़ चेंबर भवन में चेंबर आफ कामर्स की संयुक्त बैठक हुई थी। इसमें डीवीसी द्वारा किए जा रहे बिजली कटौती जिलों के (कमांड एरिया) के चेंबर ऑफ कॉमर्स रामगढ़, हजारीबाग, चतरा, कोडरमा, गिरिडीह, धनबाद व बोकारो के अध्यक्ष व सचिवों ने भाग लिया था।
डीवीसी के बिजली कटौती का चेंबर आफ कामर्स ने किया था विरोध
बैठक में डीवीसी कमांड एरिया के सातों जिलों को एक मंच से सरकार पर दबाव बनाने पर जोर दिया था। बैठक में निर्णय लिया गया था कि सर्वप्रथम एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलकर डीवीसी द्वारा किए जा रहे अनियमित बिजली आपूर्ति से निजात दिलाने का मांग रखेंगे। इसके बाद 31 जनवरी को इन सातों जिलों के विद्युत अधीक्षक अभियंता के कार्यालय के सामने व्यवसायियों द्वारा एक दिवसीय धरना दिया जाएगा। बैठक में रामगढ़ विधायक ममता देवी एवं गिरिडीह के विधायक सुदिव्य कुमार सोनू भी शामिल होकर डीवीसी के बिजली कटौती का विरोध किया था।