- जब लोग मानवता के प्रति सजक हो तो कुछ भी मुमकिन
- अपने शहर में मानवता की सेवा के साथ-साथ विदेश में भी मानवता के प्रति मिसाल कायम की है चंद्र प्रकाश जैन
- मां ने कहा है….. जहां भी रहो मानवता को जिंदा रखना….. बस मैं मां की राह पर चला हूं…… चंद्र प्रकाश जैन
हजारीबाग: शहर के सामाजिक एवं धार्मिक कार्यों में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करने वाले हजारीबाग यूथ विंग के संरक्षक चंद्रप्रकाश जैन जो अपनी शहर में सामाजिक कार्यों को लेकर काफी चर्चा में रहते हैं। पिछले कुछ दिनों से अपने फैमिली टूर पर विदेश यात्रा पर गए हुए हैं। बताया जाता है कि यह विदेश यात्रा तुर्की का है। जहां की वादियां मनमोहक दृश्य इन्हें काफी प्रभावित कर रही है इसी प्रभावित के बीच तुर्की के एक प्रसिद्ध इलाके में एक अनजान व्यक्ति का बैग चंद्र प्रकाश जैन को मिला जिसके बाद उन्होंने अपनी सारी काम को छोड़कर पहले उस व्यक्ति को बैग देना उचित समझा करीब 3 घंटे के उपरांत उस व्यक्ति को ढूंढ कर उसे बैग सौंप दिया गया।
जैसे ही उस व्यक्ति को बैग प्राप्त हुआ उसने हमारे देश और राज्य पर गर्व किया कि हमने कई व्यक्ति को देखा है पर आप जैसा व्यक्ति बहुत कम मिलता है उन्होंने श्री जैन का आभार व्यक्त किया साथ ही देश और राज्य के मुख्य का भी आभार किया कि आप इस जगह से आते हैं।
उन्होंने कहा कि बदलते वक्त के साथ हर कोई बदल रहा है पर आप एक अनजान होकर अपनी कामों को छोड़कर मुझे बैग देना उचित समझे यह काफी सराहनीय सेवा है आपकी।
जिसके बाद चंद्रप्रकाश जैन ने उनका अभिवादन स्वीकार करते हुए कहा कि मेरी मां ने कहा है कि जहां रहो अपने मानवता को जिंदा रखना उनके कहे अनुसार मैं अपना फर्ज हर जगह निभाता हूं। मां का आशीर्वाद शहर वासियों का आशीर्वाद ही मेरी सबसे बड़ी अनुकंपा है। साथ ही कहा कि ऐसे अनजान बैग या कोई सामान मिलने पर आप संबंधित थाना को सूचित करें या उस व्यक्ति को ढूंढ कर अवश्य दें क्योंकि बैग या कोई सामान व्यक्ति का काफी महत्वपूर्ण होता है।