कान्हाचट्टी: कान्हाचट्टी प्रखण्ड सहित जिले के कई ऐसे-ऐसे प्रखण्ड हैं जहां पर बंगला इंटा के व्यवसायी सरकार को लाखों नहीं करोड़ो रूपये की चूना प्रति वर्ष लगा रहे हैं। कान्हाचट्टी प्रखण्ड सहित जिले के लगभग प्रखंडो में बंगला इंटा का व्यवसाय चल रहा है। जिसमे जो वर्तमान में कोयला भट्ठा लगाने के लिए उपयोग किया जा रहा है। वह किसी डिपो या खदान से नहीं बल्कि चोरी के कोयला से भट्टा में कोयला उपयोग हो रहा है।
कान्हाचट्टी, इटखोरी, मयूरहैंड, चतरा सदर एवं गिद्धौर एवं पथलगड्डा आदि प्रखंडो में टन्डवा और पिपरवार से चोरी की कोयला से बंगला इंटा के व्यवसायी चल रहा हैं। बताते चलें कि कान्हाचट्टी प्रखण्ड सहित इन प्रखंडो में कोयला मोटर साइकिल से आता है और इंटा के व्यवसायी को बेचा जा रहा है। एक दिन में दस से पन्द्रह मोटर साइकिल से लोग कोयला लेकर आते हैं। एक मोटर साइकिल में तीन से चार क्विंटल कोयला आता है अर्थात कुल मिला कर एक दिन में एक भठ्ठा पर चालीस से पचास क्विंटल प्रतिदिन बंगला भठ्ठा पर कोयला गिराया जा रहा है।
जो कोयला इस तरह से मोटर साइकिल से आता है उसका कोई पेपर और चालान नहीं रहता है। जिससे सरकार को लाखों नहीं करोड़ो की चूना लगाया जा रहा है। अर्थात बंगला इंटा के भठ्ठेदार और कोयला चोर मालामाल और सरकार कंगाल हो रही है। जानकारी के मुताबिक पहले जो इंटा व्यवसायी कोयला लेते थे उसका पेपर और चालान रहता था जिससे सरकार को राजस्व की अच्छी लाभ होता था।