Tuesday, November 5, 2024
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अफ्रीकी देश माली में फंसे हजारीबाग, गिरिडीह और बोकारो के सभी मजदूर लौटे घर

विष्णुगढ़: अफ्रीकी देश माली मे फंसे हजारीबाग, गिरिडीह व बोकारो जिले के सभी मजदूरों की वापसी हो गई। शनिवार को चौथे जत्थे में शेष दस मजदूर अपने घर लौट आए। इसके पूर्व तीन जत्थों में क्रमशः छह, सात तथा दस मजदूरों की वापसी बीते दो सप्ताह के भीतर हो चुकी है।

लौटने वाले मजदूरों में विष्णुगढ़ प्रखंड के मड़मो निवासी मोहन महतो, नरकी के भेखलाल महतो, फाराचांच के हेमलाल महतो, उच्चाघाना के रूपलाल महतो, बंदखारो के टुकेश्वर महतो, बरकट्ठा प्रखंड के गोरहर निवासी सुकर महतो, चुरचू प्रखंड के बांदा निवासी मनोज महतो, बगोदर प्रखंड के ढ़िबरा निवासी टिकेश्वर महतो, परतापुर के कुंजलाल महतो तथा तिरला के शंकर महतो शामिल हैं।

सभी मजदूर एयर एशिया की फ्लाइट से 12.45 बजे रांची बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर उतरे। फ्लाइट से उतरने पर सबने पहले वतन की माटी का तिलक लगा देश को नमन किया। वापसी के साकारात्मक प्रयास के लिए मुख्यमंत्री, भारत सरकार, विदेश मंत्रालय, सांसद अन्नपूर्णा देवी, जयंत सिन्हा, स्थानीय जनप्रतिनिधियों समेत मजदूरसेवी सिकंदर अली का आभार जताया।

एयरपोर्ट पर मौजूद श्रम विभाग के अधिकारियों ने मजदूरों को पुष्प देकर स्वागत किया। इधर, मजदूरों के घरों में उत्सव सा माहौल देखा गया। घर में परिजनों से मिलकर खुशी की लहर दौड़ गई। सबने गले लगाकर स्वागत किया। परिजनों ने ख़ुशी में गांव में मिठाइयां भी बांटी।

मजदूरों का कहना है कि अब अपने गांव घर में मजदूरी कर लेंगे, लेकिन दलाल व बिचौलिए के झांसे में अधिक पैसा कमाने के लोभ में नहीं फंसेंगे। बता दें कि तीन जिलों के 33 मजदूरों को एक बिचौलिया चार सौ डॉलर प्रतिमाह की बात कहकर माली में ट्रांसमिशन लाइन में काम कराने ले गया था। वहां आठ माह काम के बाद सभी का अगले साढ़े तीन माह का वेतन रोक दिया गया। वेतन के अभाव में मजदूर दाने-दाने को मोहताज हो गए तो सोशल मीडिया के जरिए अपनी पीड़ा को बयां किया। जिस पर मुख्यमंत्री समेत अन्य नेताओं ने इस पर भारत सरकार को पहल करने का अनुरोध किया। माली स्थित भारतीय दूतावास की मध्यस्थता में नियोक्ता कंपनी से समझौता कराकर सभी की वापसी संभव हो पाई।

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