Dainik Bharat:बिरनी माले पार्टी कार्यालय में बिरनी प्रखंड स्तरीय आइसा का एक मीटिंग आयोजित की गई जिसमें मुख्य रूप से झारखंड आईसा राज्य सचिव त्रिलोकीनाथ, राष्ट्रीय परिषद सदस्य विभा पुष्पा, अमन पांडेय एवं बिरनी से राष्ट्रीय परिषद सदस्य रंजीत बैठा उपस्थित थे। मीटिंग के उपरांत प्रखंड कमेटी के विस्तार हेतु प्रखंड कमेटी का गठन किया गया जिसमें विशेष कुमार प्रखंड संयोजक(अध्यक्ष) सर्वसम्मति से बनाए गए। इसके साथ हीं 15 सदस्यीय लोगों को कमेटी में शामिल किया गया।
आइसा राष्ट्रीय परिषद सदस्य रंजीत बैठा ने कहा
विद्यार्थी, जरूरतमंदों का सहयोग, वृद्धा पेंशन में सहयोग, विधवा पेंशन दिलवाने में सहयोग, विद्यार्थियों के छात्रवृत्ति में सहयोग, पदाधिकारियों के मिलीभगत के बंदरबांट न हो जाए इसे रोकने में सहयोग करें, मुश्किल वक्त में दवाई अस्पतालों से मिले इसमें सहयोग, सरकारी राशन दुकान से मिलने वाला राशन सभी को सही वजन और सभी माह का मिले इसमें सहयोग करें।
विद्यार्थियों का जाति, आवासीय आय एवं आय प्रमाण पत्र जो ब्लॉक एवं विद्यालय से बनाए जाते है वो बिना परेशान और बिना दौड़े सही समय एवं उचित मूल्य में बने इसकी गारंटी हो इसके लिए सहयोग करे। आधार कार्ड में त्रुटि के सुधार सुलभ एवं उचित मूल्य एवं ससमय हो इसके लिए सहयोग करें।
ये सभी काम के लिए बहुत सारे नियम कानून बने है और ये सारे काम सरकार द्वारा संचालित होती है एवं ये सारे काम जिस तरह बिना नमक के सब्जी नही बन सकता उसी तरह इन कामों के बिना इंसान नही रह सकता हर इंसान को इन कामों की ज़रूरत पड़ती है। चाहे ओ किसी भी क्षेत्र से आता हो। और यही वजह है की आदमी को इन कामों के लिए नियम कानून मूल्य समय सब तय किया गया है लेकिन इन सारे नियम कानून मूल्य समय को सरकारी कार्यालयों में ठेंगा दिखा कर मनमानी ढंग से मर्जी अनुरूप दाम वसूले जाते हैं, मर्जी अनुरूप इंसान को दौड़ाया जाता है। इन पर रोक लगे और त्वरित ढंग से कार्य संचालित हो इसकी गारंटी हो।
नेताओं के भरोसे पदाधिकारियों के भरोसे या विद्यालय के कामकाज को विद्यालय के भरोसे छोड़ने के कारण ये विद्यार्थियों एवं आमजनों के जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं। ये काम काज अखबार की सुर्खियां या फिर एक अच्छी बात है सिर्फ ये बन कर न रह जाए बल्कि इन सारे चीज को जिस अनुरूप लागू कर क्रियान्वन किया जाना है उस अनुरूप कार्य हो। अन्यथा इसके लिए लोग लड़े न की वोट किसको देना है इसके लिए लड़े।
हम सभी लोगों की लड़ाई किसी पार्टी विशेष से नही बल्कि इन सारे सिस्टम में सुधार हो इसके लिए हो। और जिस हद तक भी जाना पड़े इन चीजों की सुधार हेतु कोशिश और सिस्टम के साथ लड़ाई हो और सुधार हो इन सारे कामकाजों में।
हम सब पार्टी धर्म सबसे अलग हटकर सिर्फ इन मुद्दों में नियमानुसार कार्य हो इसके लिए लड़कर सुधार किया जाए। जरूरी नही की आप किसी संगठन का हिस्सा बन कर करें आप स्वतंत्र रूप में भी कर सकते हैं जरूरी नही आप आइसा संगठन में जुड़कर करें आप स्वतंत्र रूप से भी करें।
लेकिन आइसा आपके लिए आपकी लड़ाई में साथ खड़ा होगी आप कमजोर पड़ रहेंगे तब आइसा आपके साथ आपके लड़ाई में साथ नज़र आयेगी। जब आपकी आवाज दबाई जा रही होगी तब आइसा आपकी आवाज नही दबने देगी। दलित शोषितों कमजोर वर्ग छात्र नौजवानों की आपके लड़ाई में आइसा आपके साथ होगी। जब आप दलितों शोषितों छात्र नौजवानों की लड़ाई में लड़ रहें होंगे उनके हक और अधिकार के लिए और आपकी लड़ाई को दबाने की कोशिश किया जाएगा उस समय आइसा आपकी लड़ाई में साथ होगी इसलिए आपको आइसा संगठन का हिस्सा हो सकते हैं।
लड़ाई आपकी हमारी हम सबकी अकेले भी स्वतंत्र रूप में भी हो सकती है लेकिन उसको मजबूत रूप में लड़ा जाए ऐसे परिस्थिति में आइसा आपके लिए हम सब के लिए अहम हो सकती है क्योंकि ये संगठन हम सब के विचारों से मेल खाता है। हम दूसरे संगठन से जुड़कर भी लड़ सकते हैं लेकिन तब बात आती है की कही आइसा के अलावा संगठन हीं तो नही जो हमे शोषित करने वालों के साथ हो तब हम कमजोर पड़ जायेंगे इसलिए हम सब के लिए आइसा संगठन हमारे विचारों से हमारे समाज से हमारे परिस्थितियों से मेल खाता है और इस संगठन के साथ हम लड़ेंगे।
शिक्षा, समाज, सरकार के गलत नीतियों में सुधार करेंगे। सम्मेलन में मुख्य रूप से बिरनी आइसा से विशेष कुमार, विनोद तुरी, प्रकाश वर्मा, गोविंद वर्मा, हिरेंद्र रजक, इंद्रजीत कुमार रजक, राहुल दास, रंजीत पंडित, मन्नू शर्मा, सोनू कुमार वर्मा, चंदन दास, मनीष तिवारी, राहुल मोदी, कुंदन वर्मा, महेश साव, सचिन दास, इत्यादि सैकड़ों की संख्या में लोग उपस्थित थें।