बड़कागाँव: परवल सब्जी एक कद्दूवर्गिया फसल है यह बहुवर्षीय पौधा है। जिसके नर तथा मादा फूल अलग -अलग पौधे पर आते है। इसकी खेती कर कृषक अधिक लाभ अर्जित कर सकते है। इसका उपयोग सब्जी के रूप में किया जाता है। आमतौर पर परवल की खेती वर्ष भर की जाती है। ये बिहार, पश्चिम बंगाल, पूर्वी उत्तर प्रदेश में सामान्य तौर पर उगाई जाती है वहीं राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, असम और महाराष्ट में भी उगाई जाती है।
परवल में विटामिन भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसकी मांग भी बाजार में अधिक है। परवल सब्जी उगाने के लिए माना जाता है की झारखंड की मिट्टी और जलवायु परवल के लिए अनुकूल नहीं है। परंतु इस धारणा को नकारते हुए बड़कागांव के प्रवीण कुमार ने परवल की खेती कर समाज को यह बता दिया कि अगर लगन व जज्बा हो तो कोई काम असंभव नहीं है। इनकी उपलब्धियों की चर्चा हजारीबाग जिले ही नहीं बल्कि संपूर्ण झारखंड में है।
झारखंड के विभिन्न जिले एवं प्रखंडों से किसान बड़कागांव आकर प्रवीण कुमार से परवल उगाने की तरीके सीख रहे हैं इसी क्रम में गुरुवार को बरकट्ठा एवं टाटीझरिया से दर्जनों किसान बड़कागांव पहुंचकर प्रवीण कुमार के खेतों को देख परवल की खेती करने के तरीके को जाना वही प्रवीण कुमार ने विस्तार पूर्वक इसकी खेती को लेकर संपूर्ण जानकारी दूसरे प्रखंडों से बड़कागांव पहुंचे किसानों किसानों को दिया, साथ ही 400 पौधे भी आए हुए किसानों को दिया।
मौके पर बिष्णुगढ़, बरकट्ठा एवं टाटीझरिया से आए हुए किसानों में सुरेश राम, दुर्गा सिंह, सुरेंद्र किसकु, रोबिन कुमार, ईश्वर दयाल महतो, राहुल कुमा, बाबू राम मांझी, फागु मुर्मू, लालजी सोरेन सोबरन बास्के, अशोक मुंडा, विजय सिंह, महेश मांझी, अजीत मुर्मू, प्रसादी सिंह, बबुनी सिंह, बोधी सिंह, बाबूलाल मांझी के अलावा दर्जनों किसान मौजूद थे।