विष्णुगढ़: अफ्रीकी देश माली में फंसे झारखंड के 33 मजदूरों की वापसी का रास्ता साफ हो गया है। सभी मजदूर शीघ्र अपने वतन भारत लौट सकेंगे। भारत के विदेश मंत्रालय की पहल पर मजदूरों और कंपनी प्रबंधन के बीच माली की राजधानी बमाको स्थित भारतीय दूतावास में लिखित समझौता हो गया है। इसमें दूतावास में कार्यरत भारतीय अधिकारी एचओसी वी विजय पांडेय और एसीओ राकेश कुमार दिवाकर मौजूद थे।
समझौता के मुताबिक केपीटीएल कंपनी सभी मजदूरों के अक्टूबर और नवंबर माह के बकाये वेतन का भुगतान करेगी। पांच दिनों के अंदर कंपनी सामान्य मजदूरों के खाते में 650 अमेरिकी डॉलर तथा सुपरवाइजर के बैंक खाते में 750 अमेरिकी डॉलर देगी। सभी रकम को भारतीय मुद्रा में भुगतान किया जाएगा। इसमें वेतन और भोजन का राशि भी शामिल है। इसके अलावा मजदूर इंद्रदेव ठाकुर के छह माह के बकाये वेतन की रकम और फूडिंग चार्ज को लेकर 1950 अमेरिकन डॉलर भुगतान करने पर भी कंपनी ने सहमति जताई है। इसे भी पांच दिनों के भीतर भुगतान करने का आश्वासन दिया गया है।
समझौता के मुताबिक मजदूरों के वतन वापसी की व्यवस्था भी कंपनी प्रबंधन को करना होगा। माली की राजधानी बमाको से रांची के लिए फ्लाइट टिकट की व्यवस्था कंपनी की ओर से की जाएगी। कहा गया है कि बमाको से भारत के लिए सप्ताह में सिर्फ शनिवार को हीं फ्लाइट की उड़ान है। इस बीच अलग-अलग जत्थे में मजदूरों की वापसी संभव हो पाएगी। इस बीच सभी के वतन वापसी होने तक तक मजदूरों के भोजन, रहने समेत अन्य जरूरी सुविधाएं मुहैया कराने की जिम्मेदारी भी कंपनी प्रबंधन को दी गई है।
मजदूरों की ओर से ग्रुप लीडर रूपलाल महतो तथा कंपनी प्रबंधन की ओर से असिस्टेंट मैनेजर सत्य दुर्गा प्रसाद ने समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते से मजदूरों समेत उनके परिजनों में भी खुशी है। मजदूरों ने एक वीडियो संदेश जारी कर उनकी आवाज उठाने के लिए मीडिया संस्थानों के प्रति आभार जताया है।