नई दिल्ली: यदि किसी व्यक्ति में कोई शारीरिक कमी है, तो उसके गाड़ी चलाने की संभावना लगभग न के बराबर होती है। लेकिन, अगर हम आपसे कहें कि शारीरिक कमी बहुत छोटी सी चीज हो गई है, बिना हाथों के भी इंसान गाड़ी चला सकता है, तो क्या आप इस बात पर यकीन करेंगे। जी हाँ, यह बिल्कुल संभव है, बशर्ते उस व्यक्ति में इस असंभव कार्य को करने का जज्बा हो।
केरल की 28 साल की जिलोमोल मैरिएट थॉमस नाम की लड़की का जन्म से ही कोई हाथ नहीं है, लेकिन इसके बावजूद वह एक कुशल ड्राइवर है। इतना ही नहीं उनकी ड्राइविंग स्किल को देखते हुए परिवहन विभाग ने उन्हें ड्राइविंग लाइसेंस भी दे दिया है। जिलोमोल केरल के खूबसूरत गांव करीमनूर की रहने वाली हैं, जिन्हें बचपन से ही कार चलाने का बहुत शौक था। दोनों हाथों के बिना गाड़ी चलाना लगभग असंभव था, लेकिन उनकी शारीरिक दुर्बलता ने उनकी आत्मा को रास्ता दे दिया।
केरल की जिलोमोल बिना हाथों के ड्राइविंग लाइसेंस पाने वाली एशिया की पहली महिला बन गई हैं। आपको बता दें कि जिलोमोल की जरूरत को देखते हुए मारुति ने अपनी सेलेरियो को खास तौर पर कस्टमाइज किया था। जिलोमोल ने इस कार को साल 2018 में खरीदा था और उसी साल उन्हें ड्राइविंग लाइसेंस भी मिला था। आपको जानकर हैरानी होगी कि जिलोमोल अपने परिवार में इकलौता कार ड्राइवर है।