कोडरमा,धीरज कुमार: कोडरमा जिला के मरकच्चो थाना क्षेत्र के ग्राम चोपनाडीह में एक सत्रह वर्षीय नाबालिग युवती ने एक युवक पर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया है। मामले को लेकर सोमवार को नाबालिग युवती ने मरकच्चो थाने में लिखित आवेदन दिया है। जिसमें उसने ग्राम जामू निवासी जागेश्वर साव, पिता बिजय साव पर आरोप लगाते हुए कहा है की 14 जनवरी को उक्त युवक उसके घर धान लेने आया था। उसने उक्त युवक को बताया कि घर में कोई गार्जियन नहीं है। घर में वह और सिर्फ उसकी बड़ी बहन है। युवक यह सुनकर लौट गया।
उसी रात करीब ग्यारह बजे जब वह शौच के लिए घर से बाहर निकली और जब वापस अपने घर में अंदर जा रही थी, तभी उक्त युवक भी उसके पीछे घर में दाखिल हो गया और नाबालिग का मुंह दबाकर खटिया पर पटक दिया और चाकू का भय दिखाकर जबरन दुष्कर्म किया। वहीं नाबालिग युवती ने मौका देखकर शोर मचाया। जहां हल्ला सुनकर आस-पड़ोस के ग्रामीण जुटी और ग्रामीणों ने उस युवक को पकड़ लिया। बाद में पुनः 15 जनवरी को ग्रामीणों ने मरकच्चो पुलिस को सूचना दिया और सूचना पर मरकच्चो पुलिस को युवक सुपुर्द कर दिया गया।
आवेदन में युवती ने बताया है की उसके माता-पिता कोलकाता में थे । घटना की खबर सुनकर 16 जनवरी को जब उसके माता-पिता मरकच्चो वापस लौटे तो नाबालिग ने 17 जनवरी को पुलिस को आवेदन दी। वहीं ग्रामीणों ने बताया की ग्रामीणों ने पुलिस को केवल लड़का को सुपुर्द किया पर पुलिस द्वारा लड़का के साथ नाबालिक युवती को भी 15 जनवरी को थाना ले जाया गया और युवती का मेडिकल जांच करवाने के बजाय तीन दिन और तीन रात युवती को थाने पर रखा गया जो पोक्सो एक्ट नियम के विरुद्ध है। अब सवाल उठता है की युवक को ग्रामीणों द्वारा 15 जनवरी को ही सौपा गया और इतनी गम्भीर आरोप होने के बावजूद पुलिस ऐसे युवक को पूरे तीन दिन संरक्षण देता रहा और माननीय न्यायालय को सौपने के बजाय थाने पर अपने संरक्षण में रखा और प्रशासन द्वारा युवती को 18 जनवरी को मेडिकल जांच के लिए कोडरमा सदर अस्पताल ले जाया गया। तो कौन करेगा इंसाफ माननीय न्यायालय या पुलिस प्रशासन?
इधर मामले पर यथाशीघ्र कार्रवाई नहीं होने पर दलित उत्पीड़न संघर्ष समिति जिला इकाई ने आंदोलन करने की बात कही है।