Friday, November 15, 2024
Google search engine
HomeHindiसिरीज़ नुक्कड़ बेहतरीन विषय लेकर भी वो जगह नहीं बना पाएगी दर्शकों...

सिरीज़ नुक्कड़ बेहतरीन विषय लेकर भी वो जगह नहीं बना पाएगी दर्शकों के बीच!

टैग प्रोडक्शंस के बैनर तले बनी निर्माता अंजू भट्ट और चिरंजीवी भट्ट जो हमेशा नये नये कॉन्सेप्ट लेकर आते हैं मास्क टीवी पर । अभीक बेनज़ीर द्वारा निर्देशित वेब सिरीज़ नुक्कड़, जो कि अलग अलग लोगों की ज़िंदगी की जटिलता और उनके नज़रिए को दर्शाती है, आज मास्क टीवी पर रिलीज़ हुई है। नाट्यक्रम और कहानी की बात करें तो ये किसी एक किरदार पर नहीं टिकी है और हर किरदार के जीवन पर प्रकाश डालती हुई, उनके रहस्यों पर , उनकी भावनाओं, इच्छाओं और किस्मत के तौर तरीकों में किरदारों की ज़िंदगी की भूमिकाओं को दर्शाती हुई छह एपिसोड्स में विभाजित की गई है। हालाकि यह कह पाना मुश्किल होगा की स्क्रीन पर इसने अपने विषय के साथ इंसाफ किया है।
कहानी को दर्शाने की गति काफ़ी धीरे है जिससे यह दर्शकों को उलझा कर उसे दिलचस्प बनाने में असफल रही है।

नुक्कड़ , जो कि एक रंगमंच है जहां सब अपने अपने किरदार जी रहे हैं, सबकी अलग कहानियां हैं, जो जैसे चाहे वैसे कहानी कह सकता है, कोई भी झूठ बोल सकता है और कोई भी सच बुन सकता है, जो की ज़िंदगी का सच है और सिनेमा के लिए एक बेहतरीन विषय है, ऐसे में इस विषय को और भी विशिष्ट तरीके से बनाया जा सकता था। यह सिरीज़ को अधिकतर एपिसोड्स में बहुत ही डार्क और मेलनकोलिक सिनेमा टोन में दिखाया गया है, वहां भी जहां उसे थोड़ा जीवंत दिखाना चाहिए था।

निर्देशन की बात करें तो इसके निर्देशक अभीक बेनज़ीर हैं। इस सिरीज़ का अंत ट्रैजिक है। कैमरा और फोटोग्राफी का टोन एस्थेटिक रखा गया है जो की कहीं कहीं तो अच्छा है पर हर सीन पर वो नहीं सही बैठ रहा। इसमें सबसे बड़ी कमी की बात यह है की इसकी गति धीरे होने के अलावा इसके हर के सीन के बीच में समय का काफ़ी स्पेस है जो दर्शक के लिए लंबे समय तक क्लाइमैक्स के लिए धैर्य रखने जैसा है जो कि देखने वाले को बोर कर सकता है।

किरदार और डायलॉग्स की बात करें तो रंजीत का किरदार जो की वेद प्रकाश पर फिल्माया गया है, काफ़ी अच्छी अभिनय की प्रस्तुति हुई है जो अपने गांव में नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति करता है और नज़रिए का खेल समझाता है। किरदारों को समय समय पर पॉजिटिव और नेगेटिव दोनो ही रूप में दिखाया गया है। शुरुवात के एपिसोड्स में डायलॉग्स को बहुत ही कॉमन रखा गया है , इतना ज़्यादा की जहां कॉमेडी है वहां भी हंसी ना आए। ह्यूमर का कॉमेडी सीन से कोई भी लेना देना नहीं है और यही वजह है की ये सिरीज़ इतना बेहतरीन विषय लेकर भी वो वो जगह नहीं बना पाएगी जो थोड़ा बेहतर होने पर ये दर्शकों को समेट पाती।

त्रुप्ति साहू, इमरान हुसैन, अपाला बिष्ट, रोहित बैनर्जी , सागर सैनी, प्रीति शर्मा, रूबीना खान, सुनील सैनी, प्रियंका कश्यप, विशाल सिंह, करन मेहरा इस सिरीज़ के मुख्य कलाकार हैं। अशोक पांडा इसके सिनेमेटोग्राफर हैं।

Stat- 3/5

RELATED ARTICLES

Most Popular