Friday, September 20, 2024
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गिरिडीह के उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा के निर्देश पर जिले के सभी प्रखंडों व पंचायतों में अलाव जलाने की व्यवस्था

गिरिडीह: उपायुक्त-सह-जिला दंडाधिकारी के दिशा निर्देश पर गिरिडीह जिला के सभी प्रखंडों एवं पंचायतों में बढ़ते ठंड एवं शीतलहरी को देखते हुए सभी चौक-चौराहों तथा सार्वजनिक स्थानों पर अलाव की व्यवस्था की जा रही है ताकि ठंड के कारण किसी प्रकार की जान माल की हानि ना हो। साथ ही बढ़ती ठंड को देखते हुए जिले के सभी चौक-चौराहों पर अलाव यानी आग की व्यवस्था ठंड से बचने के लिए की गई है। जिससे कि लोगों ठंड से राहत ले सकें।

अलाव की व्यवस्था वैसे चिन्हित जगहों पर शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में की जा रही है जहां पर गरीब तथा जरूरतमंद लोगों के पास ठंड से बचने के व्यापक संसाधन नहीं है उपायुक्त ने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को आदेश दिया है कि ऐसे चिन्हित जगहों पर लगातार अलाव/आग की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाय। साथ ही साथ कम्बल वितरण भी सुनिश्चित कराएं।

गौरतलब हो कि बढ़ते ठंड एवं शीतलहरी से बचाव हेतु गिरिडीह जिला को 06 लाख रुपए का आवंटन प्राप्त हुआ है। उक्त के आलोक में उपायुक्त द्वारा गिरिडीह जिले में लगातार बढ़ रहे ठंड एवं शीतलहरी को ध्यान में रखते हुए इससे बचाव हेतु अलाव आदि की व्यवस्था/सुविधा मुहैया कराने हेतु सभी अंचलों को कुल 6 लाख रुपए की राशि आवंटित की गई है।

जिसमें अंचल अधिकारी, गिरिडीह को 60 हजार रुपए, अंचल अधिकारी, बेंगाबाद को 45 हजार रुपए, अंचल अधिकारी, गांडेय को 45 हजार रुपए, अंचल अधिकारी, पीरटांड़ को 45 हजार रुपए, अंचल अधिकारी, डुमरी को 45 हजार रुपए, अंचल अधिकारी, जमुआ को 45 हजार रुपए, अंचल अधिकारी, धनवार को 45 हजार रुपए, अंचल अधिकारी, बगोदर को 45 हजार रुपए, अंचल अधिकारी, सरिया को 45 हजार रुपए, अंचल अधिकारी, बिरनी को 45 हजार रुपए, अंचल अधिकारी, देवरी को 45 हजार रुपए, अंचल अधिकारी, तिसरी को 45 हजार रुपए तथा अंचल अधिकारी, गांवा को 45 हजार रुपए की राशि उपवांटित की गई है।

आवंटित राशि की निकासी संबंधित प्राधिकृत निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी होगें। जिनके द्वारा कोषागार से राशि की निकासी नियमानुसार की जाएगी। निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी भुगतान के पूर्व यह सुनिश्चित कर लेंगे कि प्रसंगाधीन भुगतान यथा निर्धारित मानकों के अनुरूप किया जा रहा है।

आवंटित राशि की निकासी एवं व्यय निर्धारित मद एवं मापदण्डों के अनुसार उन्हीं मदों में किया जायेगा, जिसके लिए राशि स्वीकृति की जा रही है। आवंटित राशि के व्यय हेतु झारखण्ड कोषागार संहित 2016 के नियम 174 का अनुपालन दृढ़तापूर्वक किया जाएगा। राशि कोषागार से निकालकार किसी भी परिस्थिति में बैंक खाते में नहीं रखा जाय। किसी भी परिस्थिति में इस राशि का विचलन नहीं किया जायेगा। राशि की निकासी के तुरंत बाद विहित प्रपत्र में विवरणी विभाग को समर्पित की जायेगी। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकार निकासी एवं व्यय पर नियंत्रण रखेंगे। व्यय के पश्चात् विभाग को विहित प्रपत्र GFR19-A में सभी निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी द्वारा उपयोगिता प्रमाण पत्र समर्पित किया जायेगा।

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